127 साल बाद आज नीच भंग राजयोग में महालक्ष्मी पूजा से बढ़ेगी वैभव और समृद्धि
127 साल बाद आज नीच भंग राजयोग में महालक्ष्मी पूजा से बढ़ेगी वैभव और समृद्धि

रायपुर । प्रभु श्रीराम के घर लौटने की खुशी में गुरुवार को पूरा देश दीपावली मनाएगा। वैसे तो यह दिन अपने आप में सर्वश्रेष्ठ है, लेकिन इस बार ग्रह-नक्षत्रों की युति इसे और भी खास बना रही है। दरअसल, 127 साल में यह पहला मौका है जब दीपावली पर नीच भंग राजयोग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।

मालव्य और चतुर्ग्रही योग भी इस दिन की शुभता में वृद्धि करेंगे। दीपावली पर गाेचर में सूर्य-चंद्र के साथ मंगल और बुध तुला राशि में लग्नस्थ रहेंगे। तुला शुक्र प्रधान राशि है और शुक्र को धन-संपत्ति व वैभव का कारक माना गया है। ऐसे में ज्योतिषियों का दावा है कि इस दिवाली शुभ योगों के संयोग में मां महालक्ष्मी के आह्वान से वैभव-समृद्धि में वृद्धि होगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे ने बताया कि गुरुवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कोे नीच भंग राजयोग और प्रीति योग के साथ सूर्य-चंद्र, मंगल-बुध का तुला में लग्नस्थ होना शुभ है। धन भाव का स्वामी मंगल धनकारक योग बना रहा है। इसके अलावा प्रात:कालीन गोचर में राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र अष्टम भाव में अवस्थित होकर अत्यंत प्रभावशाली योग बना रहा है। इस दौरान मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होगी।

इसे भी पढ़ें  नक्सल हिंसा पीडि़त अमीरु निशा को मिला पक्का आवास

शहर में भगवान सत्यनारायण का इकलौता मंदिर ब्राह्मणपारा में है। 99 साल पुराने इस मंदिर में भगवान सत्यनारायण के साथ मां लक्ष्मी भी विराजमान हैं। हर दीपावली यहां कमलगट्टे और गोमेत से भगवान का विशेष शृंगार किया जाता है। इसकी तैयारियां बुधवार शाम से ही शुरू हो गई थीं। पं. सत्यनारायण तिवारी ने बताया कि दिवाली पर लक्ष्मी, नारायण के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं। इस शुभ अवसर पर मंदिर को दीप मालिकाओं से सजाया जाएगा।

काली हल्दी घर लाकर दैनिक पूजा के स्थान पर रख दें। यह जहां भी होती है, सहज ही वहां श्री-समृद्धि का आगमन होने लगता है। उसे नए कपड़े में अक्षत और चांदी के टुकड़े अथवा किसी सिक्के के साथ रखकर गांठ बांध दें और धूप-दीप से पूजा करके गल्ले या लॉकर में रख दें तो आश्चर्यजनक अर्थ लाभ होने लगता है। व्यापारी वर्ग इसे गल्ले में रखें।

इसे भी पढ़ें  रायपुर: डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता का अनुमान लगाने वाला बायोमार्कर किट विकसित किया!

Leave a comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *