पेंड्रा । छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में एक बार फिर हाथियों ने उत्पात मचाया। मरवाही वन मंडल के गांवों में सोमवार देर रात घुसे हाथियों ने खेत में धान के पौधों को रौंद डाला। दीपावली के बाद किसान उसे काटने की तैयारी में थे। दल में 14 हाथी हैं। हाथियों को देखकर किसानों और ग्रामीणों में दहशत के बाद मायूसी भी है। सूचना मिलने पर मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक हाथी जा चुके थे।
मरवाही और पेंड्रा के वनमंडल के गांव दूधाधारी और देवरी खुर्द में सोमवार देर रात हाथियों का दल पहुंचा।हाथियों ने खेतों में फसल जितनी खाई, उससे ज्यादा रौंद डाली। हाथियों को देखकर ग्रामीणों ने उन्हें भगाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। सूचना के बाद पेंड्रा से वन विभाग की टीम सुबह मौके पर पहुंची। एक रात पहले ही हाथियों ने मरवाही वन मंडल के गांवों में भी उत्पात मचाया था। बताया जा रहा है कि हाथियों का दल अभी भी गांवों से लगे तिलोरा,खरडी, बहरीझोरकी जंगल में मौजूद हैं। वहीं पेंड्रा वनपरिक्षेत्र के देवरीखुर्द के सागौन प्लांट में भी उनकी मौजूदगी देखी गई है।
पिछले महीने भी 33 हाथियों का दल मरवाही वन मंडल में पहुंचा था। तब करीब 10 दिनों तक हाथी डेरा डाले रहे और मकानों और फसलों को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की ओर चले गए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि रविवार रात मरवाही रेंज में हाथियों की मौजूदगी थी। उन्होंने रेंजर दरोगा सिंह मरावी को इसकी सूचना भी दी, लेकिन वह नहीं आए। ग्रामीणों का कहना है कि हमेशा रेंजर ऐसे ही करते हैं। इसके पहले पिछले साल एक सफेद भालू की मौत कुएं में गिरने के कारण हो गई थी। इसकी सूचना भी लोगों ने मरवाही रेंजर को दी थी, पर तत्काल मदद नहीं मिलने से भालू की मौत हो गई थी। अब त्योहार के समय हाथियों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।