बिलासपुर । प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है, बस अपने मन में बुलंद इरादे व हौसलों में उड़ान रखने की आवश्यकता होती है। ऐसे ही हुनरमंद छात्र ने प्रतिभा की छटा ऐसी बिखेरी है। जिसे देखकर हर कोई कायल हो गया है। हम बात कर रहे हैं बिलासपुर के एक गवर्नमेंट स्कूल के कक्षा दसवीं के छात्र हर्ष रजक के कलाकारी की। हर्ष के हाथों में ऐसी कलाकारी है कि वह चेहरा देखकर कागज पर तस्वीरें उकेर लेता है। उसने जिला स्तरीय राज्योत्सव प्रदर्शनी में अपनी कला का प्रदर्शन करते मिनटों में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर का स्केच तैयार किया।
चांटीडीह में रहने वाला छात्र हर्ष रजक गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ता है। वह बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ पेटिंग में रूचि रखने लगा था। यही वजह है कि स्केच में बॉलीवुड के अभिनेता और महानायकों का तस्वीर बनाने लगा। शुरूआत में आर्थिक तंगी के चलते वह कोयले के टुकड़ों से कागज में स्केच बनाता था। फिर धीरे-धीरे कर उसके हाथ ऐसे मंज गए कि हर्ष एक पेंटर की भांति स्केच बनाने लगा। इस दौरान उसकी प्रतिभा को देखकर लोग मदद के लिए पेंसिल, रबर पेंसिल, ड्राइंग चार्ट उपलब्ध कराने लगे। इससे उसकी प्रतिभा में निखार आने लगी। उसकी इस कलाकारी को देखकर लोग पेटिंग व स्केच के लिए उपयोग में आने वाली सामान खरीदकर देते और अपनी तस्वीरें भी बनवाते।
इस दौरान स्कूल के शिक्षकों ने भी उसकी प्रतिभा को निखारने में मदद की। यही वजह है कि अब छात्र हर्ष चेहरा देखकर मिनटों में ही कागज में हुबहू स्केच बना लेता है। उसकी प्रतिभा को आगे लाने के लिए सोमवार को राज्योत्सव की प्रदर्शनी में शिक्षा विभाग ने उसे शामिल किया। इस दौरान छात्र हर्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर की तस्वीरें बनाई। 16 वर्षीय छात्र के इस हुनर को देखकर अफसर भी हैरान रह गए। इस दौरान लोग उसके साथ सेल्फी भी लेते रहे। छात्र हर्ष रजक की पेंटिंग बनाने का शौक भी रोचक है। वह प्राइमरी स्कूल में था, तब हीरो-हीरोइन की तस्वीरें देखा था। उन्हें देखकर वह कागज में उनकी तस्वीरें बनाने का प्रयास करने लगा। धीरे-धीरे उसका यह शौक कलाकारी में बदल गया और अब वह एक शानदार पेंटर की तरह स्केच बनाने लगा है।
शुरूआत में वह हीरो-हीरोइन की ही तस्वीरें बनाता था। स्क्रैच सीखने के बाद अब वह महापुरुषों के साथ नेताओं की तस्वीरें उकरने लगा। हर्ष ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी कलाकारी की हर कोई तारीफ कर रहा है। इससे मेरा प्रयास सार्थक हो रहा है और मैं अपने आप को गौरान्वित महसूस कर रहा हूं। हर्ष रजक की आर्थिक स्थिति कमजोर है। उसके पिता राघवेंद्र राव सभा भवन के सामने होटल में काम कर परिवार का गुजारा करते हैं। आर्थिक तंगी के बाद भी उसके पिता अपने बेटे की कला को निखारने के लिए मेहनत की कमाई से रबर पेंसिंल के साथ ही ड्राइंग चार्ट खरीद कर लाते हैं। ताकि उसके बेटे की कलाकारी को सामने ला सके। सोमवार को राज्योत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संसदीय सचिव इंद्र साह मंडावी शामिल हुए। उन्होंने प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने छात्र हर्ष रजक के बनाए पेंटिंग को भी देखा। छात्र की इस प्रतिभा को देखकर इंद्र साह खुश हो गए। उन्होंने उसे 15 सौ रुपए देकर पुरस्कृत किया।