छत्तीसगढ़ के प्रयास विद्यालयों के 20 बच्चों ने एमबीबीएस और बीडीएस में चयन पाकर न केवल अपना, बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन किया है! इस शानदार उपलब्धि पर आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने सभी चयनित बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
“यह सिर्फ परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि एक सपना साकार करना है,” मंत्री नेताम ने कहा। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बच्चों से बातचीत की और उन्हें उनके इस सफलता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार हमेशा ही गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
छत्तीसगढ़ सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कई नीतिगत फैसले लिए हैं और विभिन्न योजनाओं का संचालन किया है। इन प्रयासों का ही नतीजा है कि आज कमजोर वर्ग के बच्चे राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं। मंत्री नेताम ने कहा कि “सरकार कमजोर वर्ग के बच्चों की हर संभव मदद करने को तैयार है।”
चयनित 20 बच्चों में सुहाना, श्रेया पन्ना, नमीता कोर्राम, रेशमी कोमरे, अरूणा नेताम, यामिनी कुंजाम, फालगुनी बघेल, सेतकुमारी, नूतन लाटिया, काजल खांडे, हर्षिता मंडावी, चित्ररेखा दीवान, पुनिता मंडावी, दीपशिखा तिग्गा, उषा, हिमांशु बेक, दीपिका नाग, मनीता तिरकी, पुष्पराज सिंह अयाम और मिलन सिंह शामिल हैं। यह एक प्रेरणा का उदाहरण है कि कैसे कड़ी मेहनत और सही दिशा-निर्देशन के साथ कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है!
ये बच्चे अपने सफलता की कहानी से छत्तीसगढ़ के लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा बनें हैं!