छत्तीसगढ़ के हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (HNLU) ने 1 जुलाई 2024 से अपने महिला छात्रों के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति लागू करने की घोषणा की है। इस पहल के तहत, महिला छात्राएं अपने मासिक धर्म के दौरान अवकाश ले सकेंगी, जिससे उन्हें मासिक धर्म की असुविधा के कारण अपनी शैक्षणिक प्रदर्शन और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने का अवसर मिलेगा।
यह नीति भारत में महिलाओं के मासिक धर्म स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक आंदोलन का हिस्सा है। HNLU का यह निर्णय अन्य राज्यों में लागू की गई समान नीतियों के बाद आया है, जैसे कि बिहार में 1992 से लागू मासिक धर्म अवकाश नीति और केरल में 2023 में महिला छात्रों के लिए शुरू की गई नीति।
इस कदम का स्वागत किया गया है और इसे महिलाओं के स्वास्थ्य और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम माना जा रहा है। HNLU में मासिक धर्म अवकाश की शुरुआत भारत में मासिक स्वास्थ्य मुद्दों की बढ़ती मान्यता को उजागर करती है और शैक्षणिक और कार्यस्थल दोनों में सहायक उपायों की आवश्यकता को दर्शाती है।
जैसे-जैसे मासिक धर्म अवकाश पर चर्चा बढ़ रही है, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से इस मुद्दे पर एक मॉडल नीति विकसित करने का आग्रह किया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर मासिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण में संभावित बदलाव का संकेत देती है।