डीजीपी अशोक जुनेजा को मिला छह महीने का एक्सटेंशन: नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता का असर
डीजीपी अशोक जुनेजा को मिला छह महीने का एक्सटेंशन: नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता का असर

रायपुर, 3 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा को केंद्र सरकार द्वारा छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया है। अब वे अगले छह महीनों तक इस महत्वपूर्ण पद पर बने रहेंगे। अशोक जुनेजा 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें 5 अगस्त 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग ने नए डीजीपी के लिए नामों का एक पैनल केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर ली थी। इस पैनल में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इसके अलावा, पवन देव भी एक मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे थे। हालांकि, पैनल भेजने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले इसे रोक दिया गया है।

अशोक जुनेजा के रिटायरमेंट के बाद उनकी सेवा वृद्धि के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। राज्य में भाजपा सरकार के आने के बाद से नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता एक महत्वपूर्ण कारण है। पिछले छह महीनों में लगभग डेढ़ सौ नक्सली मारे गए हैं और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

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राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बीच समन्वय का परिणाम है कि नक्सल मोर्चे पर पहली बार इतनी बड़ी सफलता देखने को मिल रही है। कहा जा रहा है कि जुनेजा को एक्सटेंशन देने का निर्णय इसी सफलता के संदर्भ में लिया गया है।

साय सरकार भी नक्सलवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है। सरकार डीजीपी के बदलाव के मामले में किसी भी संभावित अनदेखी को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, जो इस निर्णय का एक और कारण हो सकता है।

इस प्रकार, अशोक जुनेजा का एक्सटेंशन न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य की सुरक्षा स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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