छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में बड़ा घोटाला: हजारों फर्जी पंजीयन का खुलासा
छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में बड़ा घोटाला: हजारों फर्जी पंजीयन का खुलासा

छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। हजारों फर्जी पंजीयनों का मामला सामने आने के बाद, काउंसिल के अध्यक्ष और रजिस्ट्रार ने जांच के आदेश दिए हैं। यह खबर लल्लूराम डॉट कॉम द्वारा प्रकाशित की गई थी, जिसने फार्मेसी क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

अरुण कुमार मिश्रा, काउंसिल के अध्यक्ष, ने कहा, “हमें इस मामले की गंभीरता का अहसास है। हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि काउंसिल की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने खुलासा किया कि लगभग 5,000 लोगों का पंजीयन अनुभव के आधार पर किया गया था। उन्होंने कहा, “हमारे पास इन पंजीयनों के लिए अनुभव प्रमाणपत्र होने चाहिए थे, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि कई मामलों में ये दस्तावेज मौजूद नहीं हैं।”

इस घोटाले की एक विशेषता यह है कि इन पंजीयनों को लाइफटाइम के रूप में दर्ज किया गया था, जबकि फार्मेसी एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। गुरदेकर ने स्वीकार किया, “यह नियमों के विरुद्ध है, लेकिन शायद उस समय की परिस्थितियों के कारण ऐसा किया गया होगा।”

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काउंसिल अब एक व्यापक वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करने की योजना बना रही है। इसमें मृतक सदस्यों के पंजीयन रद्द करना और संदिग्ध मामलों की गहन जांच शामिल है। गुरदेकर ने आश्वासन दिया, “हम पूरी पारदर्शिता के साथ इस मामले को देखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि केवल योग्य व्यक्तियों के पास ही वैध पंजीयन रहे।”

यह घटना छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा झटका है। इससे न केवल फार्मेसी पेशे की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं, बल्कि राज्य में दवा वितरण प्रणाली की निगरानी पर भी चिंता बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस मामले के और भी कई पहलू सामने आने की संभावना है।

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