रायपुर, छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जो दर्शाता है कि कैसे एक फोन कॉल से आम नागरिक की समस्या का समाधान हो सकता है। यह कहानी है रायपुर के वार्ड क्रमांक 54, बोरियाखुर्द के निवासी श्री रूपराम साहू और उनकी बेटी तेजस्वी साहू की, जिसने सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए संघर्ष किया और अंततः सफल रही।
श्रमिक परिवार की उम्मीद
श्री रूपराम साहू, जो छत्तीसगढ़ भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिक हैं, की बेटी तेजस्वी संजय नगर स्थित शासकीय स्कूल में पढ़ाई कर रही है। कर्मकार मंडल की एक महत्वपूर्ण योजना के तहत, पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह छात्रवृत्ति न केवल छात्रों के लिए आर्थिक सहायता है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की नींव भी है।
बाधा और संघर्ष
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण चरण है स्कूल प्राचार्य का हस्ताक्षर। लेकिन तेजस्वी के मामले में, संजय नगर शासकीय स्कूल के प्राचार्य द्वारा आवेदन पर हस्ताक्षर करने में अनावश्यक देरी की जा रही थी। यह बाधा न केवल तेजस्वी के लिए, बल्कि उसके परिवार के लिए भी चिंता का विषय बन गई थी।
मुख्यमंत्री के सुशासन का प्रभाव
निराश होकर, श्री साहू ने जिला प्रशासन के जनसमस्या निवारण कॉल सेंटर में अपनी समस्या दर्ज कराई। यह कॉल सेंटर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है।
कॉल सेंटर से मिली शिकायत के आधार पर, संबंधित विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया। इस हस्तक्षेप के फलस्वरूप, स्कूल प्रबंधन ने बिना किसी और देरी के तेजस्वी के छात्रवृत्ति आवेदन फॉर्म पर हस्ताक्षर कर दिए।
परिणाम और आभार
इस त्वरित कार्रवाई से न केवल तेजस्वी की समस्या का समाधान हुआ, बल्कि यह सरकारी तंत्र की प्रभावशीलता का भी एक उदाहरण बन गया। समस्या के समाधान से अत्यंत प्रसन्न, श्री रूपराम साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त किया।
निष्कर्ष: सुशासन का प्रत्यक्ष प्रभाव
यह घटना दर्शाती है कि कैसे सरकार की जनहितैषी नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन आम नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ में ऐसी कई पहलें की गई हैं जो सीधे तौर पर लोगों तक पहुंच रही हैं और उनके जीवन को बेहतर बना रही हैं।
यह कहानी न केवल एक छात्रा की सफलता की है, बल्कि यह एक ऐसी सरकारी व्यवस्था की भी गवाही देती है जो अपने नागरिकों की आवाज सुनती है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर रहती है। ऐसे प्रयासों से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार आता है, बल्कि समाज और राज्य के समग्र विकास में भी योगदान मिलता है।