श्याम बिहारी जायसवाल की जे.पी. नड्डा से अपील: छत्तीसगढ़ को चाहिए चार नए मेडिकल कॉलेज
श्याम बिहारी जायसवाल की जे.पी. नड्डा से अपील: छत्तीसगढ़ को चाहिए चार नए मेडिकल कॉलेज

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा से दिल्ली में एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई प्रमुख मांगें रखी गईं। आइए जानते हैं इन मांगों के बारे में विस्तार से:

1. नए मेडिकल कॉलेजों के लिए वित्तीय सहायता

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने बजट में चार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। ये कॉलेज दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, कवर्धा, और मनेंद्रगढ़ में स्थापित किए जाएंगे। श्री जायसवाल ने इन कॉलेजों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 60% वित्तीय सहायता मांगी है। यह कदम राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

2. सिकल सेल अनुसंधान केंद्र का उन्नयन

रायपुर स्थित रीजनल लेप्रोसी ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (RLTRI) को क्षेत्रीय सिकल सेल उपचार एवं पुनर्वास केंद्र (RSTRC) के रूप में उन्नत करने की मांग रखी गई है। यह कदम राज्य में सिकल सेल रोग से पीड़ित मरीजों को बेहतर उपचार और देखभाल प्रदान करने में मददगार होगा।

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3. कैंसर अनुसंधान संस्थान की स्थापना

मनेंद्रगढ़ में एक टर्शरी कैंसर अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए तेजी लाने की मांग की गई। यह प्रोजेक्ट 2015 में 45 करोड़ रुपये की लागत से मंजूर किया गया था। इस संस्थान की स्थापना से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पड़ोसी राज्यों के कैंसर रोगियों को भी लाभ मिलेगा।

4. आयुष्मान भारत योजना का विस्तार

श्री जायसवाल ने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा प्रदान करने की मांग रखी। यह कदम योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहायक होगा।

केंद्रीय मंत्री का सकारात्मक रुख

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने इन सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव सहयोग करेंगे।

इन प्रस्तावों के लागू होने से छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है। नए मेडिकल कॉलेज न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि राज्य में डॉक्टरों की कमी को भी दूर करेंगे। साथ ही, विशेष अनुसंधान केंद्रों की स्थापना से गंभीर बीमारियों के इलाज में नए आयाम खुलेंगे।

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यह पहल छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, जिससे राज्य का समग्र स्वास्थ्य परिदृश्य बदलेगा।

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