दिल्ली/रायपुर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ आज देशभर में कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसी प्रमुख पार्टियों ने भी इस बंद का समर्थन किया है।
हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज, न्याय और समानता की मांग
दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर यह बंद बुलाया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक लिस्ट जारी की है।
कई राज्यों में स्कूल बंद, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
भारत बंद के मद्देनजर जयपुर, दौसा, भरतपुर, गंगापुर सिटी, डीग समेत राजस्थान के पांच जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसके अलावा गुड़गांव, झुंझुनू और सवाई माधोपुर जिले में भी स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
विभिन्न दलों और संगठनों का समर्थन, विरोध भी
बसपा, आरजेडी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और भारत आदिवासी पार्टी ने बंद का समर्थन किया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का भी समर्थन इस बंद को मिल रहा है। कांग्रेस समेत कुछ अन्य पार्टियों के नेता भी समर्थन में हैं। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने कहा है कि वह बंद के खिलाफ हैं और इसका समर्थन नहीं करते हैं।
आगे क्या?
यह बंद देशभर में एससी/एसटी समुदाय की चिंताओं को उजागर करता है और आरक्षण नीति पर बहस को फिर से चर्चा में लाता है। देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या कदम उठाती है।