रायपुर: छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा ‘रंग पर्व’ नाट्य श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय आयोजन 22 से 24 अगस्त 2024 तक रायपुर के मुक्ताकाश मंच, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर में होगा।
तीन दिन, तीन नाटक, छत्तीसगढ़ की विविध रंग
इस रंगारंग आयोजन में विभिन्न नाटकों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जनजातीय और लोक संस्कृति की अनोखी झलक प्रस्तुत की जाएगी।
- 22 अगस्त (पहला दिन): ‘गोदना’ नाटक देवार जनजाति की जीवनशैली, कला और संस्कृति को दर्शाएगा। इसकी प्रस्तुति श्री गौतम चौबे द्वारा दी जाएगी।
- 23 अगस्त (दूसरा दिन): ‘कलंकार’ नाटक सामान्य लोक कलाकारों की सच्ची घटनाओं पर आधारित होगा। इसकी प्रस्तुति नरेंद्र जलंधरिया द्वारा की जाएगी।
- 24 अगस्त (तीसरा दिन): ‘आदिगाथा’ नाटक प्राचीन सीताबेंगरा के इतिहास और कालिदास के मेघदूत पर आधारित कला और संस्कृति को प्रस्तुत करेगा। इसकी प्रस्तुति श्री किशोर वैभव जायसवाल करेंगे।
सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का प्रयास
इस नाट्य श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करना है। हर दिन शाम 7 बजे से नाटकों का मंचन होगा। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपराओं में रुचि रखने वालों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।