छत्तीसगढ़ की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है! कोर्ट ने राज्य सरकार से इस समस्या को ठीक करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
जनहित याचिका:
बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सचिव नगरीय प्रशासन से राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर शपथ पत्र जमा करने का आदेश दिया था।
सुनवाई में सामने आए तथ्य:
सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि अतिक्रमण, वाहनों के बेतरतीब चालन और पार्किंग के कारण ट्रैफिक व्यवस्था और भी बदतर हो गई है।
पुलिस का शपथ पत्र:
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक ने कोर्ट में शपथ पत्र जमा किया, जिसमें इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम में चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मानिटरिंग करने की बात कही गई। उन्होंने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भी कार्रवाई करने और चौक-चौराहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक कर्मी लगातार मौजूद रहने की जानकारी दी।
हाईकोर्ट का आदेश:
इसके बावजूद, कोर्ट ने पूरे प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर डीजी ट्रैफिक से शपथ पत्र पर विस्तृत जवाब मांगा है। यह मामला अब 14 अक्टूबर को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
जरूरी कदम:
छत्तीसगढ़ में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार को कई कदम उठाने होंगे:
- अतिक्रमण को हटाना
- वाहनों के बेतरतीब चालन पर कड़ी कार्रवाई
- पार्किंग की व्यवस्था सुधारना
- ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- ट्रैफिक पुलिस की क्षमता बढ़ाना