रायपुर, छत्तीसगढ़: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में रायपुर में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में “गंभीर मौसम और मौसम संबंधी सेवाओं” पर गहन चर्चा की गई.
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जबकि IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने इसकी अध्यक्षता की.
डॉपलर राडार की स्थापना:
- डॉ. महापात्र ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही डॉपलर राडार स्थापित किया जाएगा.
- यह राडार 300 किमी के क्षेत्र में मौसम की गतिविधियों की अधिक सटीक निगरानी करेगा.
- इससे पूर्वानुमान की सटीकता 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.
- यह राडार सेटेलाइट से भी बेहतर काम करेगा और विंड कैरेक्टरिस्टिक्स, बादल में पानी की मात्रा, तथा क्लाउड मूवमेंट की मॉनिटरिंग करेगा, जिससे छत्तीसगढ़ में मौसम के पूर्वानुमान और अधिक सटीकता से दिए जा सकेंगे.
मौसम पूर्वानुमान की सटीकता:
- डॉ. महापात्र ने बताया कि दुनिया में केवल 5 से 6 देश ही लाइटनिंग मॉडलिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, और भारत उनमें से एक है.
- भारत में IMD द्वारा जारी मौसम के पूर्वानुमानों की सटीकता निरंतर बढ़ रही है, जिसमें हरिकेन के 80% मामलों में पूर्वानुमान सही होते हैं.
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा:
- IMD ग्रामीण अंचलों में किसानों को अक्सर फ़सलो का नुक़सान होता है लेकिन IMD के 7-15 दिनों के पूर्वानुमान से किसान अपने फसलों की कटाई, बोवाई और अन्य गतिविधियों सुनिश्चित कर सकते है जिससे फसलों को कम से कम नुक़सान झेलना पड़ेगा.
- मौसम में बदलाव की वजह से अक्सर मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियाँ फैलती है. इसके लिए सही समय पर प्रशासन के तैयारियों के लिये टेम्परेचर ह्यूमिडिटी रेंज की मॉनिटरिंग होती है ताकि लारवा के पनपने की अनुकूल तापमान मिलने से पहले ही प्रशासन मलेरिया से बचाव के उपाय कर सके.
मौसम जानकारी पहुँचाने की रणनीति:
- IMD दूरस्थ इलाक़ों के लोगों तक मौसम की जानकारी पहुँचाने की रणनीति तैयार कर रही है.
- ऑल इंडिया रेडियो, व्हाट्सएप ग्रुप, मीडिया के माध्यम से अभी लोगों तक जानकारी पहुँचा जाती है है लेकिन जल्द ही पंचायत स्तर तक पूर्वानुमान पहुँचाने का भी एक सिस्टम डेवलप होगा.