जम्मू शहर में एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर, रानी समाधि परिसर को जम्मू और कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट (JKDT) ने सफलतापूर्वक बहाल और पुनर्निर्मित कर दिया है!
क्या है खास इस परिसर में?
यह परिसर डोगरा महारानियों की समाधियों का घर है, जिसमें महारानी तारा देवी, महाराजा हरि सिंह की पत्नी, की समाधि भी शामिल है। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर भी है। यह परिसर जम्मू के इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
JKDT का महत्वपूर्ण योगदान:
JKDT ने इस परिसर को बहाल करके अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ट्रस्ट का मानना है कि हमारे इतिहास और संस्कृति को संभालना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। इस परिसर के पुनर्निर्माण से इतिहास को सहेजने के साथ-साथ इसके सौंदर्य को भी बढ़ाया गया है।
कैसे करते हैं JKDT का काम?
JKDT काम करता है धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए। उनके कर्मचारी और स्वयंसेवक बहुत मेहनत से काम करते हैं ताकि ये स्थल अपनी पूर्व गरिमा को प्राप्त कर सकें। उनका काम न केवल ऐतिहासिक स्थलों को सहेजने में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी बचाता है।
जम्मू का इतिहास और सांस्कृतिक विरासत:
जम्मू के इतिहास में डोगरा शासकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रानी समाधि परिसर उनके शासनकाल की एक महत्वपूर्ण याद है। JKDT ने इस परिसर को बहाल करके न केवल डोगरा शासकों की याद को सहेज रखा है, बल्कि जम्मू की सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा दिया है।
क्या आपने भी ऐसे किसी ऐतिहासिक स्थल को देखा है जिसकी रक्षा आपको करनी चाहिए?