कवर्धा: शिक्षक दिवस पर विधायक भावना बोहरा ने शिक्षकों को किया सम्मानित, कहा- शिक्षक हैं भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार
कवर्धा: शिक्षक दिवस पर विधायक भावना बोहरा ने शिक्षकों को किया सम्मानित, कहा- शिक्षक हैं भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार

कवर्धा, छत्तीसगढ़: भारत के महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पंडरिया क्षेत्र के शिक्षकों के समर्पण और एक सभ्य समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 8 सितंबर को सामुदायिक भवन, नगर पंचायत परिसर पांडातराई में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया।

शिक्षकों को भगवान का दर्जा: कार्यक्रम में विधायक भावना बोहरा ने कहा कि “सनातन संस्कृति और हमारे शास्त्रों में शिक्षकों को भगवान की संज्ञा दी गई है। शिक्षकों को भगवान ब्रम्हा, विष्णु, महेश के रूप में बताया गया है और उनका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य भी है।”

शिक्षक का गर्व: उन्होंने यह भी कहा कि “एक शिक्षक के लिए गर्व का समय तब होता है जब उनका शिष्य उनसे भी आगे निकल जाता है, इसमें उन्हें निराशा नहीं बल्कि गर्व होता है और यही एक अच्छे गुरु या शिक्षक की पहचान होती है।”

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शिक्षकों का योगदान: विधायक ने कहा कि “आज हमारे देश-प्रदेश व क्षेत्र में शिक्षक लगातार अपने कर्तव्यों और दायित्वों का पूरे समर्पण भावना के साथ कार्य कर रहें हैं।”

शिक्षा का महत्व: बोहरा ने यह भी कहा कि “एक अच्छा शिक्षक अपने सबसे कमजोर विद्यार्थी के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ाने में मदद करता हैं। वह अपने शिष्य को अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को पहचान कर उसको सदैव बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुरु हमें एक सकारात्मक मानसिकता देने के साथ ही हमें अपनी जिंदगी में सफलता हासिल करने में मदद करती है।”

समाजिक परिवर्तन: उन्होंने सावित्रीबाई फुले के योगदान का भी उल्लेख किया जिन्होंने देश में शिक्षा, खासकर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने का काम किया। सावित्रीबाई फुले ने कई सामाजिक कुरूतियों को ख़त्म करने का भी काम किया। विधायक ने कहा कि “इसलिए एक शिक्षक अपने ज्ञान कौशल से न केवल हमारे उज्ज्वल भविष्य और सही मार्ग की रचना करते हैं बल्कि सामाजिक परिवर्तन लाने का भी कार्य करते हैं।”

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शिक्षक का सम्मान: बोहरा ने अपने भाषण में कहा कि “शिक्षक को हमें ईश्वर का दिया हुआ एक अमूल्य उपहार मानना चाहिए क्योंकि वें हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसलिए हमें सदैव उनके आभारी होने चाहिए और उन्हें सदैव उनको सम्मान देना चाहिए।”

इस कार्यक्रम में राघवेंद्र वर्मा, परमेश्वर चंद्रवंशी, मुकेश ठाकुर, सुखदेव धुर्वे, राजेन्द्र साहू, रोशन दुबे, शिवनाथ वर्मा, कल्याण सिंह, बीरबल साहू, नवल गुप्ता, गौकरण तिवारी, विकास पांडेय, मनोज ठाकुर, अजय गिरी, गीताराम साहू, कृष्णा चंद्राकर, विष्णु चंद्रवंशी, रामू पांडेय, शिव सहाय गुप्ता, अमित चंद्रवंशी, सुदर्शन साहू, रविश सिंह, दिनेश मिश्रा सहित शिक्षकगण एवं वरिष्ठजन उपस्थित रहे।

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