रायपुर में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ एसीबी ने दुर्ग स्थित राज्य संपरीक्षा कार्यालय के दो अधिकारियों, दिनेश कुमार (उप संचालक, संपरीक्षा) और होमन कुमार (सहायक संपरीक्षक) को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।
यह मामला सेवानिवृत्त कर्मचारी देवव्रत देवांगन की शिकायत पर शुरू हुआ। देवव्रत, जो भिलाई के नगर पालिक निगम, रिसाली में निगम सचिव के पद पर थे, सेवानिवृत्ति के बाद पदोन्नत पद पर वेतन निर्धारण और सत्यापन के लिए राज्य संपरीक्षा कार्यालय, दुर्ग में आवेदन किया था।
लेकिन उनका सत्यापन लंबित था और दिनेश कुमार और होमन कुमार ने वेतन निर्धारण के बदले 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।
देवव्रत रिश्वत नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एसीबी से संपर्क किया। एसीबी ने देवव्रत की शिकायत को गंभीरता से लिया और रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया।
आज, 11 सितंबर 2024 को, एसीबी की टीम ने दिनेश कुमार और होमन कुमार को 6000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
अब, दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
यह घटना छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एसीबी की सतर्कता और तत्परता से भ्रष्ट अधिकारियों को सबक मिला है।