छत्तीसगढ़: होमवर्क ना करने पर बच्ची को 200 उठक-बैठक की सजा, हालत बिगड़ी! -  छत्तीसगढ़ समाचार
छत्तीसगढ़: होमवर्क ना करने पर बच्ची को 200 उठक-बैठक की सजा, हालत बिगड़ी! - छत्तीसगढ़ समाचार

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक स्कूल ने एक बच्ची को होमवर्क पूरा नहीं करने पर 200 उठक-बैठक करने की सजा दे दी। 70 बार उठक-बैठक करने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय घर भेज दिया। यह घटना जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक में स्थित स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल की है।

क्या हुआ था?

घटना गुरुवार की है। बगीचा ब्लॉक के घोरडेगा गांव के स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल की शिक्षिका पद्मिनी चक्रवती ने चौथी कक्षा के बच्चों के होमवर्क की जाँच की। छात्रा के होमवर्क में कमी देखकर शिक्षिका गुस्से में आ गईं और उसे 200 उठक-बैठक करने की सजा सुनाई। बच्ची ने 70 बार उठक-बैठक करने के बाद ही चक्कर आने लगा और उसकी तबीयत खराब हो गई।

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही

बच्ची की तबीयत खराब होने पर भी स्कूल प्रबंधन ने तुरंत उसे अस्पताल नहीं ले जाया। उन्होंने बच्ची को घर भेज दिया। बच्ची के माता-पिता ने बच्ची से पूछताछ की तो उसने स्कूल में हुई सजा की बात बताई। बाद में चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम बच्ची के घर पहुंची और इस मामले की जानकारी मिली।

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कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा है और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है। बगीचा के विकास खंड शिक्षा अधिकारी एमआर यादव ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी है और स्कूल को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब आने के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी को दर्शाती है। बच्चों को डर और सजा से नहीं, बल्कि प्यार और सहयोग से शिक्षित करना चाहिए। होमवर्क ना करने पर भी बच्ची को इस तरह की सजा देना क्रूरता है। यह घटना एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।