बिलासपुर में एक अचानक कार्रवाई में, संभागायुक्त महादेव कावरे ने गुरुवार को बिल्हा के शासकीय कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान, उन्होंने पाया कि एसडीएम और तहसील कार्यालय में 5 कर्मचारी गायब थे।
ये कर्मचारी कौन थे? सुशील कुमार दुबे, एम कश्यप, जगन्नाथ, दिलीप वस्त्रकार (तहसील कार्यालय) और कालिंद्री देवांगन (एसडीएम कार्यालय)। इनके अनुपस्थिति का कारण पता नहीं चला।
इस घटना के बाद, संभागायुक्त ने इन सभी कर्मचारियों को तुरंत नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई कर्मचारियों की कार्यालय में अनुशासनहीनता और लापरवाही को लेकर की गई है।
इस अचानक निरीक्षण के दौरान, संभागायुक्त ने कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए। उन्होंने लंबित भू-अर्जन मुआवजा राशि, जो लगभग 4.5 करोड़ रुपये है, का वितरण शीघ्र करने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने राजस्व प्रकरणों का त्वरित निराकरण करने पर भी जोर दिया।
संभागायुक्त ने यह भी कहा कि कार्यालय में समय पर उपस्थित रहना और जनता के कार्यों का निपटान तेजी से करना अनिवार्य है। यह कार्रवाई बताती है कि शासकीय कार्यालयों में अनुशासन और उत्तरदायित्व महत्वपूर्ण है।
यह मामला बिलासपुर के सरकारी कार्यालयों में अनुशासनहीनता और लापरवाही की समस्या को उजागर करता है। संभागायुक्त की यह कार्रवाई शायद इस समस्या के समाधान में मदद करेगी।