जशपुर की 'लखपति दीदी' : बिहान योजना ने कैसे बदली लीलावती बाई की ज़िंदगी?
जशपुर की 'लखपति दीदी' : बिहान योजना ने कैसे बदली लीलावती बाई की ज़िंदगी?

जशपुर के बगीचा विकासखंड के ग्राम पंचायत कुटमा में रहने वाली लीलावती बाई, जो विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय से आती हैं, आज अपने क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। ‘लखपति दीदी’ के नाम से पहचानी जाने वाली लीलावती बाई की ज़िंदगी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान योजना) ने एक क्रांति ला दी।

पहले लीलावती बाई की आय बहुत कम थी, जो सिर्फ़ कृषि और मजदूरी से आती थी। उनकी ज़िंदगी में संघर्ष और गरीबी का साया छाया हुआ था। लेकिन बिहान योजना के साथ जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में काफ़ी सुधार आया।

लीलावती बाई को बिहान योजना के तहत मीनू लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जोड़ा गया। इस समूह के माध्यम से उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिली। लीलावती बाई ने अपने समूह के साथ मिलकर दोना-पत्तल निर्माण का कार्य शुरू किया।

बिहान योजना के अंतर्गत लीलावती बाई को 15,000 रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 60,000 रुपये का सामुदायिक निवेश कोष मिला। मार्च 2022 में उन्हें बैंक लिंकेज के माध्यम से 2 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई। इस राशि से उन्होंने दोना-पत्तल बनाने वाली मशीन खरीदी और उसका प्रशिक्षण लिया।

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आज लीलावती बाई दोना-पत्तल निर्माण के व्यवसाय से 65,000 रुपये से ज़्यादा की वार्षिक आय कमा रही हैं। इसके अलावा, वे कृषि कार्य और लघु वनोपज के संग्रह एवं विक्रय से लगभग 40,000 रुपये कमाती हैं।

लीलावती बाई अब अपनी कमाई से ख़ुश हैं और कहती हैं कि बिहान योजना ने उनकी ज़िंदगी बदल दी है। बिहान योजना ने न सिर्फ़ लीलावती बाई की ज़िंदगी बदल दी, बल्कि उन्हें अपने समुदाय के लिए प्रेरणा भी बना दिया है।