दंतेवाड़ा में मानसिक स्वास्थ्य दिवस: जागरूकता और मदद का हाथ
दंतेवाड़ा में मानसिक स्वास्थ्य दिवस: जागरूकता और मदद का हाथ

10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर, दंतेवाड़ा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण पहल की। प्रधान जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष विजय कुमार होता के निर्देशन में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अपूर्वा दांगी ने जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डॉक्टर देश दीपक एवं वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट सुनीता अग्रवाल से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात का मकसद मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधानों के बारे में जानकारी जुटाना था। डॉक्टर देश दीपक ने बताया कि मानसिक बीमारी से सिर्फ़ व्यक्ति विशेष ही नहीं, बल्कि उसका पूरा परिवार प्रभावित होता है। इसलिए, जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा की टीम लगातार गांवों, संस्थानों, स्कूलों, और अन्य जगहों में जागरूकता कैंप लगा रही है। इन कैंपों का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देना और इसका समय पर निदान करना है।

इस दिन, जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा परिसर में एक विधिक शिविर भी लगाया गया। शिविर में नालसा की मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों संबंधी योजना 2015 के बारे में जानकारी दी गई। इस योजना का उद्देश्य मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों के मानवीय अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखना है।

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इस मुहिम से साफ़ है कि दंतेवाड़ा में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस मुहिम को सफल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। यह कदम लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी देकर उन्हें मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।