राजनांदगांव में 'उल्लास' साक्षरता अभियान: हर कोई हो सके साक्षर!
राजनांदगांव में 'उल्लास' साक्षरता अभियान: हर कोई हो सके साक्षर!

राजनांदगांव में ‘उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम’ को सफल बनाने के लिए एक नया अध्याय शुरू हुआ है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के नेतृत्व में जिले में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी विभागों को इस अभियान में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया गया।

कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि साक्षरता एक पवित्र लक्ष्य है, जिसके लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने विभागों से अनुरोध किया कि वो ‘उल्लास’ के माध्यम से असाक्षरों को साक्षर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को साक्षरता का लाभ मिलना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें।

जिला परियोजना अधिकारी रश्मि सिंह ने बैठक में ‘उल्लास’ कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले सभी लोगों को साक्षरता और संख्या ज्ञान प्रदान करना है। उन्होंने सभी विभागों से कार्यक्रम में सहयोग देने का आग्रह किया।

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बैठक में अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर इंदिरा नवीन प्रताप सिंह, संयुक्त कलेक्टर खेमलाल वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम डोंगरगढ़ मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

‘उल्लास’ एक असाधारण पहल है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों पर आधारित है। इसका उद्देश्य सिर्फ़ साक्षरता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बुनियादी जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा और सतत शिक्षा का विकास भी शामिल है।

जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के माध्यम से ‘उल्लास’ कार्यक्रम जिले में क्रियान्वित किया जा रहा है। ‘उल्लास’ साक्षरता केंद्रों में स्वयंसेवी शिक्षकों द्वारा नवाचारी गतिविधियों का प्रयोग करते हुए साक्षरता कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। पठन-पाठन के साथ ही डिजिटल साक्षरता, आपदा प्रबंधन, कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता और चुनावी साक्षरता जैसे विषयों पर भी जानकारी दी जा रही है।

जिले में 40,000 असाक्षरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन 42,492 असाक्षरों का चिन्हांकन और पंजीयन कर लिया गया है। इन असाक्षरों को पढ़ाने के लिए 4,415 स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन और प्रशिक्षण दिया गया है। ‘उल्लास’ साक्षरता केंद्रों में कक्षाओं का संचालन ग्राम के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में किया जा रहा है।

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‘उल्लास’ कार्यक्रम का उद्देश्य हर व्यक्ति को साक्षर बनाकर उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम बनाना है। कलेक्टर अग्रवाल के नेतृत्व में यह अभियान नए आयाम हासिल कर रहा है और जिले में साक्षरता का स्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।