आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हर पाँच साल में भारत सरकार पशुओं की गणना करती है। क्यों? क्योंकि ये जानकारी पशुधन क्षेत्र की बेहतरी के लिए बहुत ज़रूरी है। इस गणना से पता चलता है कि किस तरह के पशु कितनी संख्या में हैं और ये जानकारी फिर पशुओं के लिए बेहतर योजनाएँ बनाने में काम आती है।
अब बेमेतरा में 21वीं पशु गणना शुरू होने जा रही है, जो 25 अक्टूबर से शुरू होगी। इस अभियान में 88 प्रगणक और 19 सुपरवाइजर जिले के हर कोने में जाकर 16 तरह के पशुओं की गणना करेंगे। ये काम दो महीने तक चलेगा।
बेमेतरा के पशुपालकों से अपील है कि इस गणना में सहयोग दें क्योंकि इससे पशुओं की देखभाल और उनके लिए बेहतर सुविधाएँ सुनिश्चित की जा सकेंगी।
आपने देखा होगा, हमारे गांवों में किसान अपने पशुओं पर बहुत प्यार देते हैं। ये पशु उनके लिए परिवार की तरह होते हैं। पशुओं की देखभाल के लिए ज़रूरी है कि हमें उनकी संख्या और ज़रूरतों का सही अंदाज़ा हो। इसीलिए ये गणना बहुत ज़रूरी है।
कभी आपने सोचा है कि अगर हम पशुओं की गणना ना करें तो क्या होगा? हो सकता है कि कई पशुओं की देखभाल ठीक से ना हो पाए। इस गणना से हमें पशुओं की सेहत, उनके भोजन और उनके लिए बेहतर सुविधाओं का पता चलता है।
तो आइए, हम सब इस अभियान में साथ आएं और अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं। बेमेतरा के पशुपालकों से अपील है कि इस गणना में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और पशुधन क्षेत्र की बेहतरी में सहयोग दें।