जांजगीर-चांपा के बलौदा विकासखंड के ग्राम पंचायत हरदीविशाल में रहने वाली रेवती पटेल, पति नीलेश पटेल की कहानी उन सभी किसानों के लिए प्रेरणा है जो पारंपरिक खेती से हटकर उद्यानिकी फसलों से भी आय अर्जित करने की सोच रहे हैं। पहले रेवती जी धान की खेती करती थीं, लेकिन उतनी आमदनी नहीं होती थी जिससे उनके परिवार का गुजारा आसानी से हो सके।
एक दिन उन्हें उद्यानिकी विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की जानकारी मिली। इस योजना के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद उन्होंने अपने खेतों में धान की फसल के साथ-साथ उद्यानिकी फसल भी लेना शुरू कर दिया। विभागीय तकनीकी मार्गदर्शन मिलने के बाद रेवती जी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रंजना माखीजा ने बताया कि रेवती जी बेहद ही मेहनती महिला हैं और आगे बढ़ने की उनकी ललक ने ही उन्हें उद्यानिकी फसल के माध्यम से आगे बढ़ाया है। उन्होंने जल प्रबंधन, जैविक खाद, और कीट नियंत्रण के तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जिससे उनकी फसलें स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता की बनीं।
रेवती जी की मेहनत रंग लाई और उन्होंने एक साल में 2.60 लाख रुपए का मुनाफा कमाया। इस सफलता के चलते रेवती जी ने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गईं।
रेवती जी बताती हैं कि उद्यानिकी फसल लेकर वह दोहरी आमदनी अर्जित कर रही हैं। वह कहती हैं, “अगर मेहनत, लगन, और सही तकनीक का साथ हो तो खेती-बाड़ी के क्षेत्र में भी बड़ी सफलता पाई जा सकती है।”
रेवती जी की सफलता की कहानी हमें बताती है कि पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीकों और समझदारी से खेती करने पर आर्थिक लाभ के साथ-साथ अपनी जिंदगी भी बेहतर बनाई जा सकती है।