छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक दर्दनाक घटना में जंगली हाथी के हमले में एक किसान की मौत हो गई। यह घटना 28 अक्टूबर 2024 को रात 8 बजे धरमजयगढ़ वनमंडल के कोयलार परिसर में हुई।
जानकारी के अनुसार, ग्राम दुलियामुड़ा के रहने वाले बेदराम राठिया (36 वर्ष) शाम को अपने साथियों के साथ अपने खेत की रखवाली करने गए थे। सभी साथी अपने-अपने खेतों की ओर चले गए। इसी दौरान, राजा नाम के एक नर हाथी के जंगल में होने की सूचना गांव वालों को मिली थी।
बेदराम राठिया अपने खेत की रखवाली करते समय अचानक जंगली हाथी से सामना हो गया। हाथी ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें घायल कर दिया। घटनास्थल पर ही बेदराम की मौत हो गई। उनके साथियों ने उनकी खोजबीन की और उन्हें धान के खेत में मृत अवस्था में पाया।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मृतक की पहचान की। घटना स्थल पर धान के खेत में बेदराम का शव मिला और आस-पास हाथी के पैरों के निशान भी मिले। पुलिस बल की मदद से शव को धरमजयगढ़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया। 29 अक्टूबर 2024 को सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
सरकार के नियमों के अनुसार, मृतक की पत्नी मंजीरा बाई राठिया को तत्कालिक सहायता राशि 25 हजार रुपये प्रदान की गई। घटना के पहले ग्राम दुलियामुड़ा में हाथी के आने की सूचना ग्रामीणों को दी गई थी।
धरमजयगढ़ वनमंडल का धरमजयगढ़ परिक्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र है। घटना के बाद वन विभाग ने हाथियों की ट्रेकिंग तेज कर दी है। हाथी ट्रेकर्स के द्वारा हाथियों की लगातार ट्रेकिंग की जा रही है और उनकी जानकारी व्हाट्सएप, हाथी मित्र दल और लाउडस्पीकर के माध्यम से ग्रामीणों को दी जा रही है। ग्रामीणों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोकने के लिए समझाइश भी दी जा रही है। पूरे धरमजयगढ़ क्षेत्र के वन अमले को मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यह घटना एक बार फिर से मानव-वन्यजीव संघर्ष के खतरे को उजागर करती है। जंगली जानवरों के संरक्षण और मानव जीवन की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना एक बड़ी चुनौती है।