मौसमी बीमारी से दूर रहने के लिए अपने पीने के पानी का रखें ध्यान
मौसमी बीमारी से दूर रहने के लिए अपने पीने के पानी का रखें ध्यान

महासमुंद । मानव स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाए रखना हर समय ही महत्वपूर्ण होता है, पर वर्तमान में जिस तरह से कोविड-19 चल रहा है,चाहे उसकी रफ़्तार धीमी हुई हो, लेकिन ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना और भी जरूरी हो जाता है। इसके अलावा, हवा में नमी, गंदगी का माहौल और बुनियादी निवारक उपायों का पालन न करना जोखिम को और भी बढ़ा देता है। बारिश का मौसम भले ही सुहाना लगता है, लेकिन बीमारियों के संक्रमण के लिए यही मौसम सबसे माकूल होता है और इन दिनों कोविड-19 महामारी के संक्रामक दौर में हो रही बारिश, खंडवर्षा के साथ जरा सी असावधानी भी अधिक नुकसानदेह साबित हो सकती है।     कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने फीवर क्लीनिक में कोविड-19 की जांच और आमजन को जागरूक करने एवं सावधानी बरतने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए है। उन्होंने जिले की जनता से अपील की वे इस बरसात के मौसम में मौसमी बीमारी (सीजनल फ्लू और बैक्टीरिया )से दूर रहने के लिए अपने पीने के पानी का खास ध्यान रखें। उन्होंने जिला स्वास्थ्य को इसके लिए सभी तैयारियाँ करने कहा है ।

इसे भी पढ़ें  भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिलने से जायसवाल और जैन परिवार में आई खुशहाली…

कलेक्टर श्री सिंह ने जिले में हो रही खंडवर्षा एवं रुकरुक कर बारिश के चलते मौसम में आए परिवर्तन को देखते हुए स्वास्थ्य अमला पूरी तरह मौसमी बीमारी से निपटने के लिए मुस्तैद रहे । जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रो में ज़रूरी दवाइयों का पर्याप्त स्टाक है ।उन्होंने कहा कि मच्छर से बचाव के लिए घरों के आसपास पानी जमा न होने थे। इसके साथ कूलर याखुले में अव्यवस्थित तरीक़े से रखी सामग्री जिनमें बारिश का पानी जमा हुआ हो। उसे हटा दें ताकि डेंगू मच्छर के लार्वा न हो पाए। जहां तक संभव हो पूरे बदन को ढकने वाले वस्त्र पहने।       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के.मंडपे ने सभी निजी चिकित्सालयों को भी कहा कि उनके यहां आने वाले सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिफर करें। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी कोविड-19 संक्रमण जांच की उपलब्धता है। साथ ही उन्होंने फीवर क्लीनिक सेवाओं में विशेष ध्यान देने और निजी चिकित्सालयों में भी यही सावधानी बरते जाने पर ज़ोर दिया है। ताकि, बारिश के मौसम में कोविड-19 के संक्रमणीय खतरे को समय रहते पहचान कर यथाशीध्र उपचारित एवं नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए विभागीय अधिकारी, डिस्ट्रिक्ट सविर्लेंस ऑफिसर सहित आई.एम.ए. की स्थानीय इकाई सर्दी-बुखार के क्लीनिकों की गतिविधयों की समीक्षा कर नैदानिकी यानी उपचार सेवा प्रदाताओं को सलाह देते रहेंगे।

इसे भी पढ़ें  2.25 लाख के सागौन चिरान-लट्ठा जब्त

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री मंडपे ने कहा कि कुछ दिनो से रुक-रुक कर हो रही रिमझिम और तेज बारिश के साथ, सर्दी एवं बुखार सहित अन्य बीमारियों के मामलों में वृद्धि होने की संभावना ज़्यादा है। इस दौरान सर्दी एवं बुखार जैसे अन्य लक्षणों के साथ इस तरह के मामलों को लापरवाही पूर्वक मौसमी फ्लू के रूप में नहीं माना जा सकता। उन्होंने आमजन से कहा है कि वे इस मौसम में अपने और अपने परिवार के सेहत का ध्यान रखें। क्या करना है और क्या नहीं ये स्वास्थ्य एडवाइजारी जारी करते हुए अपील की है कि जिन्हें भी सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण प्रतीत हों, वे जिला चिकित्सालय परिसर से लगे फीवर क्लीनिक में आकर स्वास्थ्य जांच कराएं। यहां, जांच, परामर्श एवं आवश्यक दवा वितरण की सेवा सुविधाएं निशुल्क प्रदाय की जा रही हैं। जरूरत होने पर अनुभवी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की देख-रेख में संक्रमण परख के लिए नमूना जांच की भी सुरक्षित व्यवस्था है। परीक्षण के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट वाली त्वरित जांच में मात्र 5 मिनट में यह पता लगाया जा सकता है कि संक्रमण है या नहीं। साथ ही इस जांच में कोई खास तकलीफ भी नहीं होती। ऐसे में, कोविड-19 की महामारी की रोकथाम के साथ-साथ स्वयं एवं अपने परिवार को स्वस्थ्य एवं सुरक्षित रखने के लिए फीवर क्लीनिक में आकर स्वास्थ्य की जाँच कराये ।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस: महासमुंद में सांस्कृतिक रंगों का जश्न