सुकमा । छिन्दगढ़ विकासखण्ड के ग्राम छुरागट्टा पटेलपारा निवासी श्रीमती सनमती के चेहरे पर आज नई मुस्कान है। जिसकी वजह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं हैं। मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपए सहायता राशि के रुप में प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष श्री सुशील सन्नी अग्रवाल द्वारा विगत दिवस श्रीमती सनमती को एक लाख का चेक प्रदान किया गया।
सनमती ने बताया कि उनके पति घासीराम मजदूरी करते थे। लिवर अत्यधिक खराब हो जाने के कारण दो माह पहले उनका निधन हो गया। ऐसे में परिवार का पूरा जिम्मा सनमती पर आ गया। पति के गुजर जाने के बाद परिवार के सभी सदस्यों के भरण पोषण का जिम्मा उठाना एक अकेली महिला के लिए कष्टदायी होता है। पति के दिवंगत हो जाने के पश्चात् परिवार में चार बच्चों की देखरेख, उनकी पढ़ाई का खर्च और घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी जब सनमती पर आई तो उनका घबराना लाजमी था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जीवन के इस कठिन दौर का सामना करने लगी, घर के पालनकर्ता के नहीं रहने पर उनके परिवार के लिए आर्थिक संकट एक बड़ी दुविधा थी। छत्तीसगढ़ शासन की जनहितैषी योजनाओं के कारण सनमती और उनके परिवार को इस दुविधा से मुक्ति मिली।
घासीराम का श्रमिक पंजीयन होने के फलस्वरुप ही उनकी मृत्यु पश्चात् आश्रित परिवार को एक लाख रुपए की सहायता राशि मिली। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा एवं श्रम मंत्री श्री शिव कुमार डहरिया के प्रति आभार जताया। सनमती ने कहा इस राशि से उनके परिवार को आर्थिक संकट से उबरने में सहायता मिलेगी। वे इस राशि का उपयोग अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई में करेंगी और साथ ही घर की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करेंगी। छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा प्रदेश के श्रमिक बंधुओं के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु एवं दुर्घटना में मृत्यु पर एक लाख रूपए तथा दुर्घटना से स्थायी दिव्यांगता होने पर 50 हजार रूपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के परिपालन में श्रम विभाग द्वारा एक जनवरी 2019 से लागू किया गया है। इससे पूर्व श्रम विभाग द्वारा संचालित विश्वकर्मा दुर्घटना योजना के तहत श्रमिकों की सामान्य मृत्यु पर मात्र 30 हजार रूपए दिए जाने का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब एक लाख रूपए की सहायता का प्रावधान किया गया है। माह अप्रैल 2021 से अब तक जिले में 21 निर्माण श्रमिकों की मृत्यु पर उनके आश्रित परिवार को 21 लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की गई है।