रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पांच वरिष्ठ अफसरों के तबादले किए गए हैं। बड़ा बदलाव विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज की पोस्टिंग में हुआ है। अभी तक पुलिस मुख्यालय में वित्त, योजना प्रबंध, तकनीकी सेवाएं, ट्रेफिक और रेलवे पुलिस के एडीजी की जिम्मेदारी संभाल रहे विज को मुख्यालय से हटाया गया है। उन्हें अब लोक अभियोजन का संचालक बनाकर राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (एसएफएल) के संचालक की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। वहीं प्रदीप गुप्ता व संजीव शुक्ला की पीएचक्यू में वापसी हो गई है। इसी तरह आरएन दाश को उप महानिरीक्षक नक्सल आपरेशन बनाया गया है, जबकि विनीत खन्ना को पुलिस मुख्यालय में उप महानिरीक्षक (प्रशासन) की जिम्मेदारी दी गई है।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आरके विज 1988 बैच के हैं। वहीं अभी पुलिस महानिदेशक बनाये गये अशोक जुनेजा 1989 बैच के आईपीएस हैं। यानी डीजीपी अपने मातहत विभाग के प्रभारी से एक बैच जूनियर हैं। परंपरा के मुताबिक सीनियर अधिकारी को जूनियर के नीचे काम नहीं करने दिया जाता। इसी के तहत आरके विज को पुलिस मुख्यालय के बाहर तैनाती दी गई है। जुनेजा से पहले डीजीपी रहे डीएम अवस्थी को भी इसी वजह से पुलिस अकादमी भेजा गया था। उससे पहले डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाये जाते वक्त उनके सीनियर एन. उपाध्याय को पुलिस हाउसिंग बोर्ड कॉर्पोरेशन में तैनाती मिली थी, जहां से वे सेवानिवृत्त हो गये। अभी तक लोक अभियोजन और एसएफएल के संचालक की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदीप गुप्ता को आरके विज वाली जिम्मेदारी मिली है। उन्हें पुलिस मुख्यालय में वापस बुलाया गया है।
1995 बैच के गुप्ता को पुलिस मुख्यालय में वित्त, योजना प्रबंध, तकनीकी सेवाएं, ट्रेफिक और रेलवे का एडीजी बनाया गया है। सरकार ने 2004 बैच के आईपीएस संजीव शुक्ला को बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें राज्य पुलिस अकादमी के उप संचालक पद से हटाकर सीआईडी में डीआईजी बनाया गया है। वे चिटफंड मामले में राज्य के नोडल अधिकारी होंगे। एंटी नक्सल ऑपरेशन में लंबा अनुभव रखने वाले 2006 बैच के IPS आरएन दाश की वापसी हुई है। सरकार ने उन्हें पुलिस मुख्यालय में आसूचना शाखा और एंटी नक्सल ऑपरेशन में DIG बनाया है। दाश के पास अभी भर्ती और चयन शाखा में AIG की जिम्मेदारी थी। इस फेरबदल में 2006 बैच के विनीत खन्ना भी पुलिस मुख्यालय लौट आये हैं। उन्हें मुख्यालय में प्रशासन का DIG बनाया गया है। अभी तक वे नगर सेना और नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।