रायपुर। खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने राज्य के सीमावर्ती जिले गरियाबंद और राजनांदगांव में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए आज अपने निवास कार्यालय में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन सीमावर्ती जिलों में बाहर से आने वाले लोगों की अनिवार्य रूप से कोरोना जांच की जाए। उन्होंने कहा कि दोनों जिलों के सीमा पर कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लगायी जाए। श्री भगत आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इन जिलों में कोरोना नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
श्री भगत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। उन्होंने अधिकारियों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए। सार्वजनिक स्थानों में लोग बिना मास्क के न रहें। इसका कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पीडित मरीजों को इलाज की सुविधा के लिए जिला अस्पतालों के अलावा सभी प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं रखी जाए। उन्होंने कहा कि गम्भीर मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन युक्त बेड, वेन्टीलेटर सहित सभी आवश्यक दवाईयां उपलब्ध हों। उन्होंने दोनों जिलों के कलेक्टरों को कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ ही सभी लोगों का वेक्सीनेशन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
गरियाबंद जिले के कलेक्टर श्री नीलेश क्षीरसागर ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ साथ मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर ली गई। कोरोना जांच की संख्या भी बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि जिले में शत-प्रतिशत पात्र लोगों को प्रथम डोज लग चुके है। पचास प्रतिशत से अधिक लोगों को दूसरा डोज लग चुके हैं। 15 से 18 वर्ष के स्कूली बच्चों को शत-प्रतिशत टीका लगाया जा चुका है। कोराना संक्रमण की स्थिति में गरीब तबकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी सभी तैयारियां कर ली गई है।
राजनांदगांव जिले के समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। सीमावर्ती जिला होने के कारण महाराष्ट्र की सीमा से प्रवेश करने वाले सभी लोगों की कोराना जांच की जा रही है। कोराना जांच के मामले में राज्य में राजनांदगांव दूसरे नम्बर पर है। जिला प्रशासन की पहल पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों के माध्यम से मास्क नहीं तो समान नहीं अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में कोराना संक्रमण की रोकथाम और कोराना मरीजों के इलाज में वहां के चेम्बर आफ कामर्स, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, स्वंय सेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों का सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि गरीबों और कमजोर तबकों को रोजगार के लिए सभी व्यवस्था कर ली गई है। इन्हें मनरेगा के जरिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन कांसंट्रेटर, वेंटीलेटर, दवाईयों आदि की व्यवस्था भी कर ली गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं दोनों जिले के अधिकारी शामिल हुए।