रायपुर, 16 जून 2021

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना से राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को एक नया संबल मिला है। उन्होंने कहा है कि पशुपालकों, ग्रामीणों एवं किसानों से उनकी नियमित रूप से चर्चा होते रहती है, लोग इस योजना के लाभ को लेकर बेहद उत्साहित है। दुग्ध का व्यवसाय करने वाले लोग बताते हैं कि गोधन न्याय योेजना के जरिए गोबर की खरीदी होने से उनकी आमदनी बढ़ गई है। कई दुग्ध उत्पादक ग्रामीण किसान गोबर बेचने से मिली अतिरिक्त आय से अपने डेयरी व्यवसाय को बढ़ाने के लिए दुधारू गाय खरीदने, शेड का निर्माण कराने के साथ ही मोटर-सायकिल खरीदने के साथ ही अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करने लगे हैं।   

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज कोरिया एवं सूरजपुर जिले के कई किसानों से उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा हुई। चिरमिरी में दुग्ध व्यवसाय कर रहे विष्णु प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 650 क्विंटल गोबर बेचकर एक लाख 33 हजार रूपए का अतिरिक्त लाभ अर्जित किया हैै, जिससे उन्होंने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए दो दुधारू गायें और खरीद ली है। उनके पास वर्तमान में 17 गायें हैं। गोधन न्याय योजना से लाभान्वित कोरिया के श्री शिवचरण ने इससे हुए 48 हजार रूपए के लाभ से दो बैल और किश्त में मोटर सायकिल खरीदी है। विश्रामपुर की रहने वाली गौपालक श्रीमती गीता देवी ने गोधन न्याय योजना को सराहते हुए कहा कि गोबर बेचने से हो रही आमदनी से वह गायों के रहने के लिए नया शेड बनवा रही है। इस आमदनी से उनकी रोजमर्रा की जरूरते और रायपुर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही बेटी की फीस एवं अन्य खर्च का प्रबंध भी सहजता से होने लगा हेै। श्रीमती गीता देवी सिंह ने गोधन न्याय योजना को जारी रखने का आग्रह किया।

इसे भी पढ़ें  वन शहद, आर्गेनिक बस्तर काजू, चिरौंजी, महुआ लड्डू जैसे 23 उत्पाद अब अमेजन पर ’छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के नाम से उपलब्ध

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना सिर्फ गोबर क्रय करने की योजना नहीं है, इसके कई फायदे है। उन्होंने कहा कि गौपालन जो हमारी सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा रहा है, उसको इस योजना से बढ़ावा मिलने लगा है। गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर लोग जागरूक हुए है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ-साथ अन्य सामग्रियों का निर्माण से हमारी ग्रामीण बहनों को रोजगार मिला है, उन्हें इससे अतिरिक्त आमदनी होने लगी है। राज्य में खुले में पशु चराई पर रोक तथा फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। पशुधन के लिए गौठानों में निःशुल्क चारे-पानी के साथ-साथ उनके देखभाल की बेहतर व्यवस्था हुई है। गोबर से वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का निर्माण होने से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलने लगा है। इससे खेती की लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति बेहतर होगी।

इसे भी पढ़ें  कोरिया : जय लक्ष्मी महिला स्वसहायता समूह की वेद्कुमारी मिनी राइस मिल द्वारा बनी आर्थिक रूप से सशक्त