कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शासकीय नवीन महाविद्यालय भैरमगढ़ में छात्राओं के लिए एक दिवसीय महिला सशक्तिकरण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्राओं को अनैतिक मानव व्यापार, घरेलू हिंसा अधिनियम 2005, सखी वन स्टाप सेंटर और बाल अधिकार और संरक्षण तंत्र की जानकारी दी गई।
जिसमें किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, किशोर न्याय बोर्ड व बालक कल्याण समिति की भूमिका, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान का उद्देश्य, किशोर-किशोरी सशक्तिकरण अंतर्गत बाल विवाह के दुष्प्रभाव, बाल विवाह के रोकथाम के उपाय, किशोरियों के पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित मुद्दे एवं समाधान, ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित पलायन पंजी, ग्राम पंचायत स्तर पर शाला त्यागी बालक-बालिकाओं को स्कूल से जोड़े जाने एवं बच्चा गोद लेने की वैधानिक प्रक्रिया, दत्तक ग्रहण नियम 2017, बाल श्रम अधिनियम पर चर्चा कर जानकारी दिया गया। साथ ही बालिकाओं से अनुरोध किया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाली ग्राम सभा की बैठक में उपस्थित होकर इन सभी मुद्दों पर चर्चा करें।
तभी हम ग्राम पंचायत को बाल सुलभ पंचायत बना सकते हैं, और ग्राम पंचायत को हिंसामुक्त वातावरण बना सकेंगे। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हमारे आस-पास में ऐसे कोई भी बालिका न हो जो की स्कूल से वंचित हो, बालिका शिक्षा से वंचित होने की दशा में अपने अधिकारो से भी वंचित हो जायेंगे। इस कारण से शोषण का स्तर बढ़ जायेगा, अज्ञानता के कारण किशोरियों के द्वारा अपनी बात भी नहीं रख पायेंगे। महिलाओं, किशोरियों के साथ होने वाले अत्याचार के रोकथाम एवं अपराधी को सजा दिलाने के लिए प्रकरण दर्ज कराने महिला उत्पीड़न संबंधी समस्त अधिकारों की जानकारी सहित महिला हेल्प लाईन 181 और चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 की जानकारी भी दिया गया। उक्त संवेदीकरण कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य और प्रोफेसर उपस्थित थे जिला बाल संरक्षण इकाई से सुश्री आनंदमई मल्लिक विधिक सह परीविक्षा अधिकारी द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।