छत्तीसगढ़ में अंगदान के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में हुए नौवें अंगदान ने न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में एक नई मिसाल कायम की है। इस महान कार्य के पीछे एक साधारण दिखने वाली, लेकिन असाधारण विचारों वाली महिला की कहानी है।
मुन्नी गोसाई: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
54 वर्षीय मुन्नी गोसाई का जीवन हमें सिखाता है कि मानवता की सेवा के लिए कोई उम्र छोटी या बड़ी नहीं होती। राजनंदगांव में जन्मीं मुन्नी जी ने अपने जीवन में कई बार रक्तदान किया और हमेशा से ही अपने अंगों को दान करने की इच्छा रखती थीं।
दुखद घटना से उपजी नई आशा
मुन्नी जी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गंडई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण उन्हें रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। दुर्भाग्य से, 11 अगस्त को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
अंगदान: एक जीवन से पांच जीवन
मुन्नी जी के परिवार ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए अंगदान की सहमति दी। इस निर्णय ने पांच लोगों को नया जीवन दिया:
- एक किडनी: एम्स रायपुर को दान की गई
- दूसरी किडनी और लीवर: रामकृष्ण अस्पताल को दिए गए
- आंखें: डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय को सौंपी गईं
- फेफड़े: पुणे की 45 वर्षीय महिला को दान किए गए
फेफड़ों का अंतरराज्यीय प्रत्यारोपण: एक नया मील का पत्थर
छत्तीसगढ़ में पहली बार फेफड़ों का अंतरराज्यीय प्रत्यारोपण हुआ। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और एयर एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया गया। यह प्रक्रिया डॉ. डी.वाई. पाटिल हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे की टीम द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न की गई।
अंगदान की महत्वपूर्णता
इस घटना ने छत्तीसगढ़ में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रो. डॉ. विनीत जैन, राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के संचालक, ने इसे अंतरराज्यीय अंगदान सेवाओं की एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।
समाज पर प्रभाव
मुन्नी गोसाई के इस महान कार्य ने न केवल पांच लोगों को नया जीवन दिया, बल्कि पूरे समाज को अंगदान के महत्व के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हम सभी में किसी की जिंदगी बदलने की क्षमता है।
निष्कर्ष
मुन्नी गोसाई की कहानी हमें सिखाती है कि मृत्यु के बाद भी हम अपने शरीर के माध्यम से दूसरों की मदद कर सकते हैं। अंगदान न केवल जीवन बचाता है, बल्कि यह एक ऐसा उपहार है जो कई पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। आइए हम सभी अंगदान के महत्व को समझें और इस नेक कार्य के लिए आगे आएं।