छत्तीसगढ़ में मंकी पॉक्स (एम-पॉक्स) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है! स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को एम-पॉक्स बीमारी के बचाव व रोकथाम हेतु जारी एडवायजरी में दिए गए दिशा-निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन करने के निर्देश दिए हैं।
मंकी पॉक्स क्या है?
- मंकी-पॉक्स एक जीनेटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में होता है।
- वर्तमान में यह बीमारी कुछ अन्य देशों में भी फैल रही है।
- भारत के केरल राज्य में मार्च 2024 में इस बीमारी के प्रकरण सामने आए थे।
- मंकी-पॉक्स से संक्रमित व्यक्ति में सामान्यतः बुखार, चकत्ते और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है।
- यह एक स्व-सीमित (सेल्फ-लिमिटेड) संक्रमण है, जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं।
- बच्चों में मंकी-पॉक्स संक्रमण के गंभीर प्रकरण पाए जाते हैं।
- गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1 से 10 प्रतिशत तक है।
- मंकी-पॉक्स वायरस का संक्रमण पशु से मनुष्य में एवं मनुष्य से मनुष्य में फैल सकता है।
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क्या हैं सावधानियाँ?
- मंकी-पॉक्स के संभावित प्रकरणों का सर्विलांस कर त्वरित पहचान, जांच और उपचार किया जाना जरूरी है।
- संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मरीज को आइसोलेट किया जाना चाहिए।
- मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान करनी चाहिए।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता को संक्रमण से बचाव के लिए आगाह किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश:
- स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिले के सभी विकासखण्डों और ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर नागरिकों को एम-पॉक्स बीमारी, इसके संक्रमण और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
- उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी एडवायसरी में दिए गए सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन सुनिश्चित करने को कहा है।
यह एम-पॉक्स को लेकर जारी की गई एडवायजरी छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए और जनता को जागरूक रखना चाहिए।