आरंग में नियमों की धज्जियां उड़ाते साई हॉस्पिटल और राव पॉलीक्लिनिक सील, झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार!
आरंग में नियमों की धज्जियां उड़ाते साई हॉस्पिटल और राव पॉलीक्लिनिक सील, झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार!

आरंग में नियमों को दरकिनार करके चल रहे साई हॉस्पिटल और राव पॉलीक्लिनिक को आखिरकार प्रशासन ने सील कर दिया है। सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी के आदेश के बाद आरंग एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा ने तहसीलदार सीता शुक्ला के नेतृत्व में टीम भेजकर कार्रवाई की। टीम में बीएमओ डॉ विजय लक्ष्मी अनंत, सीएमओ शीतल चंद्रवंशी और थाना प्रभारी राजेश सिंह शामिल थे।

साई हॉस्पिटल पर कुछ समय पहले कार्रवाई होने के बाद संचालक राजू साहू द्वारा नाम बदलकर हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था। इसके अलावा वह नेताजी चौक स्थित राव पॉलीक्लिनिक का भी संचालक था। साई हॉस्पिटल को विधिवत रूप से सील करने के बाद जब टीम राव पॉलीक्लिनिक पहुंची तो वहां का नजारा ही अलग था। बिना अनुमति के संचालित इस पॉलीक्लिनिक में मरीजों का गलत तरीके से इलाज किया जा रहा था। इससे ज्यादा हैरानी की बात ये रही कि राव पॉलीक्लिनिक में झोलाछाप डॉक्टर ऐश्वर्य प्रताप सिंह पिछले 04 साल से मरीजों का इलाज कर रहा था।

इसे भी पढ़ें  मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ वासियों को दी दशहरा की शुभकामनाएं

झोलाछाप डॉक्टर ऐश्वर्य सिंह के पास किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं था। आरंग तहसीलदार ने झोलाछाप डॉक्टर ऐश्वर्य सिंह को जमकर फटकार लगाते हुए उसे क्लिनिक से बाहर निकाल दिया। संचालक राजू साहू और ऐश्वर्य प्रताप सिंह (जिनको लोग एपी सिंह से नाम से जानते है) दोनों मिलकर आरंग की भोली भाली जनता को बेवकूफ बना रहे थे। इन दोनों के कारण कुछ मरीजों की जान भी जा चुकी है, जिनके परिजन आज कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।

आपको बता दें कि आरंग के कालेज चौक स्थित साई हॉस्पिटल और नेताजी चौक स्थित राव पॉलीक्लिनिक में गड़बड़ी की शिकायत पर पिछले महीने तहसीलदार सीता शुक्ला और बीएमओ डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत ने निरीक्षण किया था। जांच के दौरान साईं हॉस्पिटल में गंभीर लापरवाही और गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया था लेकिन हॉस्पिटल के अवैध कार्यों में माहिर संचालक राजू साहू ने साई हॉस्पिटल का नाम ही बदल दिया और राव मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के नाम से हॉस्पिटल को शुरू कर दिया। राजू साहू को स्वास्थ विभाग से अघोषित संरक्षण प्राप्त था, जिसके कारण उसके हॉस्पिटल पर कार्रवाई नहीं होती थी।

इसे भी पढ़ें  छत्तीसगढ़: नक्सलियों की IED धमाका में 5 जवान घायल, सुरक्षा बलों में हड़कंप!