भिलाई में कला और संस्कृति का संगम: मूर्तिकार अरुण योगीराज को सम्मानित किया गया, दशहरा महोत्सव में रंग-बिरंगी प्रस्तुतियां
भिलाई में कला और संस्कृति का संगम: मूर्तिकार अरुण योगीराज को सम्मानित किया गया, दशहरा महोत्सव में रंग-बिरंगी प्रस्तुतियां

भिलाई में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां कला और संस्कृति के रंग एक साथ बिखरे। इस कार्यक्रम में मैसूर के प्रख्यात मूर्तिकार और अयोध्या के श्री राम मंदिर में स्थापित बालाराम की प्रतिमा बनाने वाले अरुण योगीराज को सम्मानित किया गया। भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर वरिष्ठ प्रबंधक और देश-विदेश में अपनी कार्टून कला से अलग पहचान बनाने वाले बी. वी. पांडुरंगा राव ने योगीराज का सम्मान किया।

मैसूर स्थित मूर्तिकला कार्यशाला में पांडुरंगा राव ने अरुण योगीराज को एक खूबसूरत पोर्ट्रेट स्केच भेंट किया, जिसे उन्होंने खुद तैयार किया था। इस स्केच में बालाराम की मूर्ति की तस्वीर भी देखने को मिली। पांडुरंगा राव ने योगीराज को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और उनका आभार व्यक्त किया।

योगीराज ने 81 वर्षीय वरिष्ठ कार्टूनिस्ट पांडुरंगा राव को धन्यवाद और बधाई दी और कहा कि कार्टूनिंग के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को जानकर उन्हें भी प्रेरणा मिली।

इसे भी पढ़ें  राज्यपाल रमेन डेका ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन का निरीक्षण किया

दशहरा महोत्सव: रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न

इसके अलावा, भिलाई में सूर्य विहार कालोनी में एक शानदार दशहरा महोत्सव का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन मुख्य अतिथि थे। मुकेश अग्रवाल, पार्षद और श्याम लाल साहू, पूर्व महासचिव, स्टील वर्कर्स यूनियन विशेष अतिथि थे।

इस कार्यक्रम की शुरुआत में सभी आगंतुकों का स्वागत ‘सोनपत्ती’ से किया गया और उनके सुखद जीवन की कामना की गई। विधायक रिकेश सेन ने कहा कि रावण के पुतले को जलाकर बुराइयों पर अच्छाइयों की जीत का प्रतीक मनाया जाता है।

कार्यक्रम में कई आकर्षक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। सूर्य विहार की महिलाओं ने महिषासुर मर्दिनी पर एक लघु गीती नाट्य प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने माँ शक्ति दुर्गा के विभिन्न रूपों का शानदार मंचन किया। सूर्य विहार के छोटे बच्चों ने रामलीला का एक मनमोहक नाटय प्रस्तुत किया। दोनों प्रस्तुतियों की पटकथा और कोरियोग्राफी सूर्य विहार निवासी रजनी ने तैयार की थी।

इसे भी पढ़ें  बिलासपुर: हाईकोर्ट का फैसला! पीएससी को 2005 की मुख्य परीक्षा की आंसर शीट देनी होगी!

इसके अलावा, कुछ रहवासियों ने अपनी मधुर आवाज में संगीत प्रस्तुत किया। ‘श्रीराम कुटिया’ भी दर्शकों के लिए एक खास आकर्षण थी, जहां भगवान श्रीराम, देवी सीता और लक्ष्मण दंडकारण्य (वर्तमान छत्तीसगढ़ में स्थित) वनवास के समय रहते थे। यह दर्शकों के लिए एक लोकप्रिय सेल्फी पॉइंट था।

विधायक रिकेश सेन ने गीती नाट्य के सभी कलाकारों, रामलीला में भाग लेने वाले बच्चों और सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। श्रीमती रजनी को भी विशेष सम्मान दिया गया। विवेक दुबे अध्यक्ष सूर्य विहार कमेटी ने विधायक रिकेश सेन का स्वागत किया। वीणा गुप्ता अध्यक्ष सूर्य विहार महिला समाज ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद दिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन एम श्रीनिवास सचिव सूर्य विहार कमेटी ने किया।