Fraud
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रायपुर में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी में सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति ने खुद को मंत्री का करीबी बताकर एक दिल्ली के कारोबारी से 15 करोड़ रुपये ठग लिए।

केके श्रीवास्तव नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान अपने राजनीतिक संबंधों का दावा करते हुए, रावत एसोसिएट्स के मालिक अशोक रावत को अपना शिकार बनाया। श्रीवास्तव ने रावत को आश्वासन दिया कि वह उन्हें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 15 करोड़ रुपये का काम दिलाएगा।

इस घोटाले की जड़ें 2023 में जाती हैं, जब श्रीवास्तव ने रावत से मुलाकात की और उन्हें बताया कि एक प्रभावशाली राजनेता के भाई ने 500 करोड़ रुपये का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हासिल किया है। श्रीवास्तव ने दावा किया कि वह इस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा सबलेट कर सकता है, लेकिन इसके लिए 15 करोड़ रुपये की “परफॉर्मेंस मनी सिक्योरिटी” की आवश्यकता होगी।

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रावत, जो इस अवसर से प्रभावित हुए, ने श्रीवास्तव के निर्देशों पर सात अलग-अलग बैंक खातों में कुल 15 करोड़ रुपये जमा कर दिए। हालांकि, पैसे हस्तांतरित होने के बाद, न तो कोई काम मिला और न ही किसी वास्तविक अधिकारी या राजनेता से मुलाकात हुई।

जब रावत ने अपने पैसों के बारे में पूछताछ शुरू की, तो श्रीवास्तव ने उन्हें टालमटोल करना शुरू कर दिया। बाद में, उसने एक कथित सरकारी ज्ञापन भेजा, जो बाद में जाली पाया गया। इतना ही नहीं, श्रीवास्तव ने रावत और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी, अपने कथित राजनीतिक संबंधों का हवाला देते हुए।

इस मामले में तेलीबांधा थाना में शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने केके श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। धाराएँ 420, 467, 468, 471, 506, और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच तेजी से चल रही है और आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। यह मामला छत्तीसगढ़ में राजनीतिक संरक्षण और भ्रष्टाचार के गठजोड़ पर सवाल उठाता है।

यह घटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। साथ ही, यह आम जनता को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध व्यावसायिक प्रस्ताव से सावधान रहने की याद दिलाती है।

इस घोटाले ने रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ में हलचल मचा दी है, और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या इसके कोई बड़े राजनीतिक निहितार्थ सामने आते हैं।

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