बिलासपुर: बिलासपुर में एक बैंक कर्मचारी द्वारा किसानों के पैसे का गबन करने के मामले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में आरोपी बैंक कर्मचारी ने अपने ससुर और सास को भी झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास किया है।
बैंक कर्मचारी का घोटाला: खुशबू शर्मा, जिला सहकारी केंद्र मर्यादित बैंक, शाखा मंडी चौक, बिलासपुर में बैंक क्लर्क सह कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात थी। उसने बैंक से 80 लाख रुपये की हेराफेरी की। बैंक के शाखा प्रबंधक हितेश सलूजा ने 09-12-2022 को लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने खुशबू शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
ससुर-सास को झूठा आरोप: खुशबू शर्मा ने अपने बयान में कहा कि उसके ससुर और सास ने उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया था। लेकिन यह आरोप बिल्कुल झूठा था और उसके ससुर-सास का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। उसने अलग मकान में रहने वाले अपने ससुर जानकी प्रसाद शर्मा और सास को भी इस घोटाले में फंसा दिया।
सिविल कोर्ट का आदेश: सिविल कोर्ट ने जानकी प्रसाद शर्मा के खिलाफ आदेश पारित कर दिया, जिसके खिलाफ जानकी प्रसाद ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल पिटीशन लगाई।
हाईकोर्ट का निर्णय: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही, बैंक मैनेजर को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
विधिक लड़ाई: यह मामला एक बार फिर से विधिक लड़ाई का प्रमाण है जिसमें अपराध करने वाले अपराध से बचने के लिए दूसरों को झूठे आरोपों में फंसा देते हैं। यह मामला यह भी प्रमाणित करता है कि न्यायिक प्रणाली में निष्पक्षता का बहुत महत्व है और निष्पक्ष न्याय के लिए लड़ाई जारी रखनी चाहिए।