बिलासपुर: तीन साल से बंद पड़े पं. देवकीनंदन दीक्षित सरकंडा और मधुबन मुक्तिधाम के गैस शवदाह गृह अब शुरू हो गए हैं! निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देशों पर इन दोनों उपयोगी सुविधाओं को फिर से शुरू किया गया है।
कैसे होगा इनका संचालन?
इन गैस शवदाह गृहों का संचालन अब दो सामाजिक समितियों द्वारा किया जाएगा:
- सरकंडा मुक्तिधाम: जगमोहन सेवा समिति
- मधुबन मुक्तिधाम: पंजाबी मानव सेवा समिति
शनिवार को टेस्टिंग के बाद निगम प्रशासन ने दोनों समितियों को गैस शवदाह गृह सौंप दिए हैं।
क्या है इन प्लांट का फायदा?
- पर्यावरण संरक्षण: ये गैस शवदाह प्लांट पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं। शव को जलाने से निकलने वाला धुआँ मशीन के द्वारा शुद्ध होकर ऊपर आसमान में छोड़ दिया जाएगा। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
- कम लागत: इस प्लांट के ज़रिए अंतिम संस्कार कम लागत में हो सकेगा।
इस पहल से बिलासपुर के लोगों को एक बेहतर और पर्यावरण अनुकूल अंतिम संस्कार की सुविधा मिल सकेगी।