तमिलनाडु के कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि कोहरे की वजह से लो-विजिबिलिटी के कारण हादसा हुआ. अभी तक 11 शव बरामद कर लिए गए हैं.
हादसे वाली जगह पर सेना और स्थानीय पुलिस के अधिकारी पहुंच गए हैं. इसी बीच एक प्रत्यक्षदर्शी ने पूरे वाकये को बताया. इस प्रत्यक्षदर्शी का नाम कृष्णासामी है. उसके मुताबिक, उसने एक तेज आवाज सुनी. इसके बाद वह घर से बाहर निकला और देखा कि एक हेलिकॉप्टर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर टकराते हुए आग को गोला बन गया.
कृष्णासामी के मुताबिक, जब हेलिकॉप्टर पेड़ से टकरा रहा था तब उसमें आग लग चुकी थी. इसी दौरान कृष्णासामी ने 2-3 लोगों को हेलिकॉप्टर से कूदते हुए देखा, सभी के शरीर में आग लगी हुई थी. कृष्णासामी ने अपने साथियों को इक_ा किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जितनी भी लाशें मिली हैं, वह 80 फीसदी तक जल चुकी हैं.
हालांकि, सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्थिति के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. भारतीय वायुसेना की ओर से बयान में कहा गया कि हादसे को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है. बताया जा रहा है कि एम सीरीज का यह हेलिकॉप्टर सीडीएस जनरल बिपिन रावत को वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज ले जा रहा था.
कोयंबटूर में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पहाड़ी नीलगिरी जिले में कुन्नूर के पास कट्टेरी-नंचप्पनचत्रम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के मलबे के नीचे से 11 शव निकाले गए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर घने कोहरे के बाद लो-विजिबिलिटी के कारण एक वन क्षेत्र में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. (आज तक)