भिलाई । छत्तीसगढ़ के दुर्ग में लंबे समय से फरार चल रहे BJP के पूर्व पार्षद को उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पार्षद ने फरारी के दौरान ही कुछ दिन पहले एक मोबाइल दुकान में लूट करने के बाद दुकानदार पर उस्तरे से हमला कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के कान पकड़वाए और शहर की सड़कों पर उनका जुलूस निकाल दिया। इसके बाद सभी को कोर्ट में पेश किया गया है। मामला कोतवाली क्षेत्र का है।
पुलिस ने बताया 18 सितंबर की रात करीब 8 बजे पचरी निवासी पूर्व पार्षद अजय दुबे अपने दो अन्य साथियों संतराबाड़ी निवासी दिपेश व आकाश के साथ महाराजा चौक स्थित मोबाइल शॉप में घुस गया। वहां 10 हजार रुपए लूट लिए और विरोध करने पर दुकानदार रोहित गुप्ता को उस्तरा मार दिया था। इसके चलते रोहित के चेहरे, जांघ और कलाई पर गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने पहले इसमें लूट का मामला दर्ज किया था, अब हत्या के प्रयास की धाराएं भी लगाई हैं। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के कान पकड़वाए और शहर की सड़कों पर उनका जुलूस निकाल दिया।
दुकान में लूट और संचालक पर हमला करने के बाद भी आरोपी पूर्व पार्षद सोशल मीडिया पर उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था, जबकि घटना के बाद से पुलिस उसे फरार मान रही थी। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने सभी आरोपियों को मालवीय नगर निवासी राहुल सिंह के घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने संरक्षण देने पर राहुल को भी आरोपी बनाया है। सभी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने थाने से लेकर कोर्ट तक उनका जुलूस निकाला।
पूछताछ में आरोपी पूर्व पार्षद ने बताया कि रोहित का जीजा विजय चांडक उसका 80-90 लाख रुपए लेकर भाग गया है। काफी कोशिश के बाद भी जब रुपए नहीं मिले तो उसने रोहित पर हमला किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी पूर्व पार्षद अजय दुबे के खिलाफ अलग-अलग थानों में 23 मामले दर्ज हैं। इसमें मारपीट, हत्या की धाराओं में भी केस है। अकेले 11 मामले शासन की ओर से दर्ज कराए गए हैं। पिछले साल दिसंबर में उसे जिला बदर भी किया गया था। आरोपी पूर्व पार्षद ने अपने 3 अन्य साथियों राम प्रकाश, जय प्रकाश और नीरज मुंदड़ा के साथ 14 अगस्त की शाम गया नगर इलाके में व्यापारियों पर चाकू से हमला किया था। यह हमला भी विजय चंडाक से पैसों के लेनदेन को लेकर था। हमले में घायल व्यापारी विजय के मामा थे। इसके बाद ही आरोपी पूर्व पार्षद फरार चल रहा था। इस बीच पुलिस ने उसके तीनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसने दो अन्य लोगों के साथ फिर विजय के साले पर हमला किया।