बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। आज तड़के सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की एक टीम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र शुक्ला के आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई पीएससी (लोक सेवा आयोग) भर्ती 2022 में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई है।
सीबीआई के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम ने सुबह-सुबह राजेंद्र शुक्ला के दो ठिकानों – यदुनंदन नगर और तिफरा क्षेत्र के नए बस स्टैंड के पास स्थित मकान पर दबिश दी। सूत्रों के अनुसार, टीम दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है और कई महत्वपूर्ण कागजात भी जब्त किए गए हैं।
इस मामले में विशेष रुचि का कारण राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का आदिमजाति कल्याण विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर चयन है। जांच एजेंसी इस नियुक्ति की वैधता की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इसमें किसी प्रकार की अनियमितता हुई है।
पीएससी भर्ती 2022 में कथित धांधली का मामला पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ की राजनीति में गरमाया हुआ है। भाजपा ने लगातार इस मुद्दे को उठाया था और सत्ता में आने के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। यह कार्रवाई उसी जांच का हिस्सा है।
राजेंद्र शुक्ला, जो कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं, ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कांग्रेस के अन्य नेताओं ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।
इस बीच, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है।
यह छापेमारी छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान का एक हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में कई अन्य मामलों में भी जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की है। इससे राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है।
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नए समीकरण बना दिए हैं। आम जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ इस कार्रवाई का स्वागत कर रही है, लेकिन साथ ही यह भी चाहती है कि जांच निष्पक्ष हो और किसी भी राजनीतिक दल के दबाव में न आए।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर इस मामले का क्या रुख होता है और क्या सीबीआई इस जांच में कोई बड़ा खुलासा करती है। फिलहाल, बिलासपुर और पूरे छत्तीसगढ़ की नजरें इस मामले पर टिकी हुई हैं।