छत्तीसगढ़ में साइबर सुरक्षा के लिए 'साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा' का आयोजन
छत्तीसगढ़ में साइबर सुरक्षा के लिए 'साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा' का आयोजन

छत्तीसगढ़ पुलिस ने राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों और ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व को समझाते हुए 5 अक्टूबर से 19 अक्टूबर, 2024 तक 15 दिवसीय ‘साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा’ आयोजित किया है। इस पहल का उद्देश्य लोगों को साइबर खतरों से अवगत कराना और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस पखवाड़े के दौरान, छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में पुलिस अधिकारियों, साइबर वालंटियर्स, अन्य विभागों के अधिकारियों और प्रतिष्ठित नागरिकों के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हाट-बाजार, चौक-चौराहे, स्कूल-कॉलेज, ग्राम पंचायत, दुर्गा पंडाल, सोशल मीडिया और आकाशवाणी के माध्यम से जनता तक साइबर सुरक्षा संदेश पहुँचाया जा रहा है।

इस पखवाड़े के तहत पोस्टर, पंपलेट, ऑडियो जिगल्स आदि का उपयोग करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

युवाओं को साइबर सुरक्षा का ‘सिपाही’ बनाया जा रहा है

15 अक्टूबर 2024 को पुलिस मुख्यालय ने नवा रायपुर के एनआईटी रायपुर, आईआईआईटी, कलिंगा विश्वविद्यालय नवा रायपुर, अग्रवाल पब्लिक स्कूल और आदर्श इंटरनेशनल स्कूल नया रायपुर के लगभग 124 छात्र-छात्राओं और 20 साइबर वालंटियर्स के साथ एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया।

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पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) प्रदीप गुप्ता ने कार्यशाला का नेतृत्व किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करना और उन्हें साइबर वालंटियर के रूप में पुलिस का सहयोगी बनने के लिए प्रेरित करना था।

प्रदीप गुप्ता ने अपने उद्बोधन में साइबर अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति, साइबर अपराधियों को पकड़ने में आने वाली कठिनाइयों और साइबर जागरूकता अभियान की जरूरत पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक हालिया घटना का उदाहरण दिया जिसमें एक विद्यार्थी के फेक पोस्ट ने समाज में उपद्रव भड़का दिया था। सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट को फ्लेग करने और इसके रोकथाम के लिए युवाओं को साइबर वालंटियर बनने के लिए प्रेरित किया गया।

सहायक पुलिस महानिरीक्षक (तकनीकी सेवाएं) कवि गुप्ता ने इंटरनेट के बढ़ते उपयोग, डिजीटल उपकरणों पर हमारी निर्भरता, फायदे और साइबर खतरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट, जॉब फ्रॉड, सेक्सटार्शन, ऑनलाइन ट्रेडिंग, सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों को साइबर सुरक्षा के लिए @cyberdost नाम के X हैंडल को फॉलो करने का सुझाव दिया।

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कार्यशाला में साइबर वालंटियर्स को फ्रॉड, पुलिस वेबसाइट और क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड विषयों पर सुझाव देने के लिए भी कहा गया। उन्हें भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंधों के खिलाफ ऑनलाइन सामग्री को हटाने और फ्लैग करने के लिए भी प्रेरित किया गया।

कार्यशाला के अंत में, निरीक्षक रोहित मालेकर ने नवीन साइबर खतरों से बचाव के तरीके बताए और प्रतिभागियों को जागरूक किया।

इस पहल के माध्यम से छत्तीसगढ़ पुलिस लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करना और उन्हें सुरक्षित रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है। यह पखवाड़ा छत्तीसगढ़ में साइबर सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।