रायपुर: महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा 9 सितंबर को राज्य स्तरीय हड़ताल करने जा रहा है। आज राजधानी में आयोजित संयुक्त मोर्चा की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस हड़ताल के दिन मंत्रालय, संचालनालय, विद्यालय, चिकित्सालय और सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
कर्मचारियों की मांगें:
मंत्रालयीन संघ के अध्यक्ष महेंद्र राजपूत ने बताया कि संयुक्त मोर्चा की बैठक में राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों ने केंद्र के समान डीए और डीए एरियर्स की राशि जीपीएफ खातों में समायोजित करने की मांग की थी। कर्मचारियों और पेंशनरों की मांग है कि 1 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान की जाए। वर्तमान में केंद्र में महंगाई भत्ता 50% है जबकि राज्य में केवल 46% है।
सरकार से अपील:
महेंद्र राजपूत ने कहा कि यह वादा चुनावी घोषणा पत्र में किया गया था, लेकिन 31 जुलाई को मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन देने के बावजूद एक जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत डीए/डीआर की घोषणा नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है।
हड़ताल का कार्यक्रम:
मंत्रालयीन संघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस हड़ताल के दौरान राजधानी रायपुर और पूरे प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। संयुक्त मोर्चा ने 2008 के निर्धारित सेटअप और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उल्लंघन का विरोध करते हुए चार शिक्षक संगठनों से बने शिक्षक संघर्ष मोर्चा की हड़ताल को भी अपना समर्थन दिया है।
बैठक में उपस्थित:
बैठक में कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत, संरक्षक तीरथ लाल सेन, लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक संजय तिवारी, अधिकारी कर्मचारी संघ के करण सिंह अटेरिया, मैदानी स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के टीआर धृतलहरे, मुन्ना लाल निर्मलकर, स्टेट गैरेज शासकीय कर्मचारी संघ के बालकृष्ण साहू, छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के अशोक कुमार नवरे, दीपक शर्मा, राज्य पेंशनर एवं कर्मचारी कल्याण संघ के विद्याभूषण दुबे, कोषालय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, निगम मंडल कर्मचारी संघ के संजय सक्सेना, चिकित्सा अधिकारी संघ के डॉ. गोकुल सरकार, पेंशनधारी कल्याण सिंह के वाय ए कुरेशी, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के नरेंद्र सिंह ठाकुर, प्रगति शील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के गोपाल साहू और विभिन्न संगठनों के सतीश पसेरिया, बी के शुक्ला, जाहिद खान आदि ने भाग लिया।
कर्मचारियों की मांगों पर सरकार का क्या रुख होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।