छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए खुशखबरी! खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीद के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है। किसान 1 जुलाई 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
कैसे करें पंजीकरण?
पंजीकरण कराने के लिए किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या सहकारी समिति प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं।
नए पंजीकरण, फसल, रकबा संशोधन, कैरी फारवर्ड और वारिसान पंजीयन के लिए भी किसान इसी तरह संपर्क कर सकते हैं।
वारिसान पंजीयन के लिए किसानों को तहसील कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा।
इस पंजीकरण के जरिए धान विक्रय करने वाले किसानों को कृषक उन्नति योजना का लाभ मिल सकेगा।
सरलीकृत प्रक्रिया
कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से दिलाने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया है।
इस पोर्टल के जरिए नए पंजीकरण और पंजीकृत फसल और रकबे में संशोधन 31 अक्टूबर तक किया जा सकता है। धान और मक्का की उपार्जन योजना भी इस पोर्टल में शामिल की गई है।
समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने के लिए इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
पिछले साल (खरीफ विपणन वर्ष 2023-24) में पंजीकृत किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए भी पंजीकृत माना जाएगा। राजस्व विभाग एकीकृत किसान पंजीयन पोर्टल के माध्यम से किसानों की भूमि, धान रकबा और खसरा की जानकारी को अपडेट करेगा।
आधार आधारित प्रमाणीकरण
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान खरीद के समय आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली लागू होगी।
इस प्रणाली में किसान को धान खरीद केंद्र पर स्वयं उपस्थित होना होगा या उनके द्वारा नामांकित नामिनी को उपस्थित करना होगा। बायोमेट्रिक आधारित खरीद प्रणाली के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया जाएगा।
नामिनी के तौर पर किसान परिवार के माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, दामाद-पुत्रवधू, सगा भाई-बहन और अन्य करीबी रिश्तेदार को मान्य किया जाएगा।
जिन किसानों ने पिछले साल नामिनी में बदलाव किया है, उनके लिए समिति स्तर पर संशोधन कराना होगा।
नए पंजीकरण कराने वाले किसानों से नामिनी की जानकारी एकत्र की जाएगी।
हिस्सेदार, बटाईदार और अधिया रेगहा के तहत फसल उगाने वाले किसान खेत के मालिकाना हक रखने वाले किसान के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं।
प्रत्येक खरीदी केंद्र में बायोमेट्रिक व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए स्थायी खरीदी केन्द्र प्रभारी को नामित किया जाएगा।
खरीदी केंद्र प्रभारी का भी आधार नंबर लिया जाएगा।
यह पंजीकरण प्रक्रिया सभी किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए 1 जुलाई 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक समय निकालकर अपना पंजीकरण जरूर कराएं।