रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (यूपी एसटीएफ) की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस अभय एस. ओक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ द्वारा दिया गया।
प्रिज्म कंपनी के मालिक की याचिका पर फैसला
इस महत्वपूर्ण फैसले का आधार प्रिज्म कंपनी के मालिक विधु गुप्ता द्वारा दायर की गई याचिका थी। गुप्ता ने अपनी याचिका में यूपी एसटीएफ की कार्रवाई को चुनौती दी थी।
मामले की पृष्ठभूमि
नोएडा में दर्ज हुई FIR
नकली होलोग्राम मामले की शुरुआत नोएडा के कसाना थाने में दर्ज की गई एक FIR से हुई। यह FIR छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले से संबंधित थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भूमिका
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने नोएडा के कसाना थाने में FIR दर्ज कराई, जिसके आधार पर यूपी एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू की।
यूपी एसटीएफ की कार्रवाई
प्रमुख गिरफ्तारियां
यूपी एसटीएफ ने इस मामले में कई प्रमुख गिरफ्तारियां की:
- अनवर ढेबर
- अरुणपति त्रिपाठी
- विधु गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
कार्रवाई पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने विधु गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी एसटीएफ की आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह निर्णय मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए लिया गया।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला अब एक नए मोड़ पर आ गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मामले की जांच प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कार्यवाही किस दिशा में बढ़ती है और क्या नए तथ्य सामने आते हैं।
इस मामले ने एक बार फिर से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और न्यायिक प्रक्रिया के महत्व को रेखांकित किया है। आने वाले दिनों में इस मामले पर देश की नजर बनी रहेगी।