छत्तीसगढ़ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने मानपुर तहसीलदार संध्या नामदेव को निलंबित कर दिया है! यह कार्रवाई ट्रैक्टर चालक की पिटाई के मामले में उनके द्वारा दिए गए जवाब को संतोषजनक नहीं पाए जाने के कारण की गई है।
मामला क्या है?
यह घटना कुछ हफ़्ते पहले की है जब मानपुर तहसीलदार संध्या नामदेव अपनी कार से तोलूम मार्ग पर जा रही थीं। इस दौरान एक ट्रैक्टर को साइड नहीं देने के विवाद में उन्होंने ओवरटेक करके ट्रैक्टर को रूकवाया और ट्रैक्टर चालक तरुण मंडावी की पिटाई कर दी! इसके बाद, उन्होंने ट्रैक्टर और चालक को थाने भिजवा दिया।
कलेक्टर ने की जांच
इस घटना की जानकारी मिलने पर, कलेक्टर एस. जयवर्धन ने मामले की जांच की और तहसीलदार संध्या नामदेव को नोटिस जारी कर उनका जवाब माँगा। तहसीलदार ने प्रार्थी तरुण मंडावी की शिकायत को गलत बताया, लेकिन कलेक्टर की जांच में सामने आया कि ट्रैक्टर को तहसीलदार के कहने पर ही मानपुर थाने भेजा गया था!
कलेक्टर ने क्या पाया?
कलेक्टर ने पाया कि यदि तहसीलदार को किसी गंभीर घटना की आशंका थी, तो उन्हें तुरंत अपने उच्च अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था, जो कि उन्होंने नहीं किया। इसके अलावा, बिना किसी विधिवत जांच पड़ताल के और उच्च अधिकारियों को सूचित किए बिना वाहन को जब्त कर थाने में खड़े करवाना नियमों के विपरीत है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई
कलेक्टर ने संध्या नामदेव के उत्तर को समाधान कारक नहीं पाए जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की। इसके बाद, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत आचरण करने के कारण संध्या नामदेव को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्टर जिला दुर्ग कार्यालय निर्धारित किया गया है।
यह मामला एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों के द्वारा शक्ति का दुरुपयोग करने के खतरे को उजागर करता है। इस घटना से सबक लेते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे अधिकारी न केवल अपने पद के प्रति जिम्मेदार हों, बल्कि कानून का भी सम्मान करें।