Hospital
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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 निजी अस्पतालों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। ये अस्पताल नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, जिससे मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरा था। 

लेकिन एक सवाल उठता है – इन अस्पतालों के नाम क्यों छुपाए जा रहे हैं? क्या जनता को यह जानने का हक नहीं है कि किन अस्पतालों में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं? 

खबर है कि इन अस्पतालों को पहले नोटिस जारी किया गया था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ये कठोर कार्रवाई की गई। लेकिन क्या यह कार्रवाई सिर्फ दिखावे की है? क्या वाकई इन अस्पतालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, या फिर सब कुछ जैसे था वैसे ही चलता रहेगा? 

आखिर इन अस्पतालों के नाम क्यों छुपाए जा रहे हैं? क्या इससे स्वास्थ्य विभाग कुछ छिपा रहा है? जनता के हित में इन अस्पतालों के नाम का खुलासा होना चाहिए ताकि मरीजों को उन अस्पतालों से सावधान रहने में मदद मिल सके। 

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ऐसे गैर-लाइसेंसी अस्पतालों में इलाज कराना गैरकानूनी है। ऐसे में सवाल उठता है कि इन अस्पतालों के नाम छुपाकर स्वास्थ्य विभाग क्या छिपाना चाहता है? 

सवाल यह भी है कि क्या स्वास्थ्य विभाग में इन अस्पतालों के खिलाफ कोई और कार्रवाई भी करेगा? क्या इन अस्पतालों पर जुर्माना लगाया जाएगा? या फिर सिर्फ लाइसेंस रद्द कर देने से ही काम चल जाएगा? 

यह मामला बहुत ही गंभीर है और इसका असर मरीजों की जान पर पड़ सकता है। ऐसे में जनता को जागरूक रहना चाहिए और अपने स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहना चाहिए।