छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक महकमे में बड़ा बदलाव देखने को मिला है! राज्य के पंचायत ग्रामीण विकास विभाग ने दर्जन भर से अधिक उपायुक्त, संयुक्त आयुक्त और परियोजना अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इन आदेशों में कई अधिकारियों के तबादले स्वास्थ्यगत कारणों से बताए जा रहे हैं। लेकिन इनमें से कौन से अफसर को वास्तव में यह लाभ मिला है, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि स्वास्थ्यगत कारणों से तबादला? ये तो बड़ी अजीब बात है! दरअसल, पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसा देखा गया है कि अधिकारियों को अपने मनपसंद जगह पर जाने के लिए स्वास्थ्यगत कारणों का बहाना बनाया जाता है। कई बार तो ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब अधिकारियों ने खुद अपनी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का हवाला देकर तबादला करवा लिया, जबकि बाद में पता चला कि उनके साथ सब ठीक था!
इस बार भी कुछ ऐसा ही लग रहा है! आखिर कौन से अफसरों को स्वास्थ्यगत कारणों से तबादला मिला है, यह बताने में सरकार ने क्यों हिचकिचाया? क्या यह पारदर्शिता में कमी का सबूत है?
यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। क्या इस फेरबदल से राज्य के विकास कार्य प्रभावित होंगे? क्या इस फेरबदल के पीछे कोई राजनीतिक मंशा है? इन सवालों के जवाब अब भी ढूँढे जा रहे हैं।
अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।