अगस्त 2024: छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर जारी नीति-निर्देशों के खिलाफ शिक्षक संगठन बड़े आंदोलन के लिए एकजुट हो गए हैं।
क्या है विरोध का कारण?
- सरकार ने शुरुआत में यह बताया था कि अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में किया जाएगा।
- लेकिन, 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश में प्राथमिक शाला को मिडिल स्कूल में, मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में मर्ज करने और 2008 के सेटअप में परिवर्तन करने के निर्देश दिए गए हैं।
- इससे शिक्षक संगठनों में भारी आक्रोश है।
क्या है शिक्षक संगठनों का विरोध?
- शिक्षक संगठन अपने-अपने बैनर तले इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
- छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक श्री कमल वर्मा के प्रयास से इस गंभीर मुद्दे पर सभी शैक्षणिक संगठनों की मेगा बैठक आज रखी गई।
- इस बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि युक्तियुक्तकरण के विरोध में 27 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजे मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- अगर शासन के अधिकारी 2008 के सेटअप में परिवर्तन का नीति जारी रखते हैं और स्कूलों को मर्ज करने का आदेश वापस नहीं लेते हैं तो 16 सितंबर 2024 को शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षक हित के रक्षा हेतु नवा रायपुर में एक दिवसीय धरना, प्रदर्शन और मेगा रैली किया जाएगा।
क्या कहा कमल वर्मा ने?
- कमल वर्मा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण की पॉलिसी शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता को चौपट करने वाली है।
- शैक्षिक संगठनों की माँग के अनुसार छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन इसका पुरजोर विरोध करता है।
क्या है शिक्षक संगठनों की चिंता?
- शिक्षक संगठनों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण से शिक्षकों को अनावश्यक परेशानी हो रही है।
- शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर को कम किया जा रहा है।
- यह नई शिक्षा नीति के उद्देश्य के विपरीत है।
- कक्षाओं की संख्या के अनुपात में विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना में कमी कर विद्यार्थियों को विषय ज्ञान से वंचित करने की नीति है।
- भविष्य में सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने की दिशा में पहल है।
- सरकार पदोन्नति के सही मामले में केवियट नहीं लगाती है। लेकिन, युक्तियुक्तकरण नीति-निर्देश के गलत मामले में केवियट लगाती है।
मेगा बैठक में कौन-कौन शामिल थे?
- मेगा बैठक में चंदूलाल चंद्राकर, दयालूराम साहू, चंद्रशेखर चंद्राकर, उमेश मुदलियार, राजीव वर्मा, पीताम्बर पटेल, सुरेश वर्मा, डॉ भूपेंद्र गिलहरे, कृष्ण कुमार नवरंग, जाकेश साहू, शिव सारथी, विक्रम राय, चेतन बघेल, शंकर साहू, ललित बिजौरा, सुमन शर्मा, कमलदास भुरचुले, सुखनंदन यादव, धरम दास बंजारे, राज कुमार नारंग, लुनिश चंद्र भोसले, कमलेश सिंह बिसेन, ईश्वर चंद्राकर, नवीन चंद्राकर, पवन सिंह, देवेंद्र साहू, अनिल टोप्पो, मुक्तेश्वर देवांगन, मोहम्मद फारुख कादिरी, तिलक यादव, मोहम्मद फिरोज सहित भारी संख्या में शैक्षिक संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
यह विरोध प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। शिक्षक संगठन का कहना है कि वे अपने हितों की रक्षा के लिए आगे भी संघर्ष करेंगे।