छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध और गोपनीयता लीक की घटनाओं से डीजीपी अशोक जुनेजा बेहद नाराज़ हैं। उन्होंने शुक्रवार रात अचानक सभी आईजी और एसपी को शनिवार सुबह 10 बजे तक पुलिस मुख्यालय, रायपुर में तत्काल उपस्थित होने का आदेश जारी किया। यह आदेश इतना अचानक था कि प्रदेश भर के पुलिस अधिकारी तुरंत रायपुर दौड़ पड़े! बस्तर रेंज को छोड़कर सभी जिलों के आईजी और एसपी ने इस अहम बैठक में हिस्सा लिया।
कानून व्यवस्था पर डीजीपी का कड़ा रुख
इस उच्च स्तरीय बैठक में डीजीपी जुनेजा ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। हत्या, लूट, चाकूबाजी, नकबजनी, शराबखोरी और नशाखोरी जैसे अपराधों पर उन्होंने ज़ोरदार अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ हो और आम जनता पुलिस को अपना मित्र समझे।”
डीजीपी के महत्वपूर्ण निर्देश:
- गुंडों पर सख्त कार्रवाई करना
- हत्या, लूट और नशाखोरी पर प्रभावी रोक लगाना
- जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- पुलिस की छवि को और बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाना
गोपनीयता लीक पर डीजीपी की कड़ी नाराज़गी
डीजीपी ने वरिष्ठ अधिकारियों की गोपनीय जानकारी लीक होने पर भी गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल विभाग की साख को नुकसान होता है, बल्कि अपराध नियंत्रण के प्रयासों में भी बाधा आती है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
सीबीआई अधिकारी ने दी सलाह
बैठक में दिल्ली से एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने भी भाग लिया और छत्तीसगढ़ पुलिस को अपराध रोकथाम और जांच में सीबीआई की कार्यप्रणाली अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि योजनाबद्ध तरीके से काम करके पुलिस अपराधों पर अधिक प्रभावी नियंत्रण कर सकती है। यह एक बहुमूल्य सुझाव है जिस पर गौर करने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें एडीजी अमित कुमार, विवेकानंद सिन्हा, दीपांशु काबरा, आनंद छाबड़ा, प्रदीप गुप्ता, ओपी पॉल, डॉ. संजीव शुक्ला, रामगोपाल गर्ग और दुर्ग के एसपी जितेंद्र शुक्ला सहित सभी जिलों के एसपी, आईजी और सीआईडी के प्रमुख अधिकारी शामिल थे।
जनता में सुरक्षा का भाव जगाना ज़रूरी
डीजीपी ने जोर देकर कहा कि हर नागरिक की जान कीमती है और अपराध पर नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाना ज़रूरी है। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि अपराधियों के साथ किसी भी तरह की नरमी न बरती जाए और जनता में सुरक्षा का पूरा भरोसा पैदा किया जाए।
निष्कर्ष
इस बैठक के बाद अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि वे अपने-अपने जिलों में अपराध नियंत्रण सुनिश्चित करें और जनता को यह भरोसा दिलाएँ कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था सुदृढ़ होने की उम्मीद है।