छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय ने हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें 2216 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया। यह कार्यक्रम बच्चों के व्याधिक्षमत्व, पाचन शक्ति, स्मरण शक्ति, शारीरिक शक्तिवर्धन एवं रोगों से बचाव के लिए आयोजित किया गया था।
इसके अलावा, 300 बच्चों को बाल रक्षा किट भी वितरित किए गए, जो विभिन्न रोगों से रोकथाम एवं इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। यह किट पांच दवाइयों से बना है जो बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय के कौमारभृत्य विभाग द्वारा हर पुष्य नक्षत्र तिथि में शून्य से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाता है। इस बार डॉ. लवकेश चंद्रवंशी ने बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया।
इस कार्यक्रम को आयुष विभाग की संचालक इफ्फत आरा, प्राचार्य प्रो. डॉ. जी.आर. चतुर्वेदी, चिकित्सालय अधीक्षक प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार जोशी और कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीरज अग्रवाल के निर्देशन में आयोजित किया गया था।
स्वर्णप्राशन समन्वयक डॉ. लवकेश चन्द्रवंशी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्वर्णप्राशन काफी लाभदायक होता है। महाविद्यालय के कौमारभृत्य विभाग की व्याख्याता डॉ. सत्यवती राठिया तथा स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएं हर महीने इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा इस वर्ष की अन्य पुष्य नक्षत्र तिथियों में भी स्वर्णप्राशन का आयोजन किया गया था। इस वर्ष 25 जनवरी को 1235, 21 फरवरी को 1420, 18 मार्च को 1720, 16 अप्रैल को 1410, 13 मई को 1256, 10 जून को 1802, 8 जुलाई को 1342, 3 अगस्त को 1370, 30 अगस्त को 1660 और 26 सितम्बर को 2046 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया था।
यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की गंभीरता और समर्पण को दर्शाता है।